JDU MLC Sanjay Singh: बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर सत्ताधारी पार्टी जदयू समेत सभी राजनीतिक दल पूरी दमखम से तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर भी लगाातार जनता के बीच जाकर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे हैं.इसी बीच जदयू के एक एमएलसी ने प्रशांत किशोर को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया है, जिससे बिहार की राजनीति गर्मा गई है.
जदयू के एमएलसी संजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर जदयू में आए थे तो उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डिप्टी सीएम का पद मांगा था.संजय सिंह का आरोप है कि ये जनता के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ कुर्सी के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पीके को काफी सम्मान दिया पर, वो उन्हीं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं. ये शुद्ध रूप से व्यापारी हैं. पैसा खपाने के लिए उन्होंने यह जनसुराज पार्टी का गठन किया है.
रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संजय सिंह ने प्रशांत किशोर पर जमकर हमला बोला.उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को नई पहचान दी है. बिहार आज देश में सबसे अधिक तेजी से विकास करने वाला राज्य है.
बता दें कि साल 2015 में बिहार में जब नीतीश कुमार की सरकार बनी तो उसकी जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को ही दिया जाता है. जिसके बाद साल 2018 में प्रशांत किशोर को जेडीयू का उपाध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, साल 2020 में प्रशांत किशोर ने खुद को जदयू से अलग कर लिया था.बताया जाता है कि न CAA और NRC पर संसद के अंदर जदयू ने नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया था, जिसके बाद से प्रशांत किशोर की जदयू के प्रति तल्खी बढ़ गई थी.
इस दौरान प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया था कि पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने सीएए और एनआरसी पर आपत्ति जताई थी, लेकिन संसद में पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कैसे कर दिया था. इतना ही नहीं, प्रशांत किशोर कई बार यह दावा भी कर चुके हैं कि सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर गतिरोध होने की वजह से ही उन्होंने जेडीयू का दामन छोड़ा था.