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योगी सरकार की बड़ी सौगात : ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में बनेंगे नए ईएसआई मेडिकल कॉलेज

yogi adityanath
inkhbar News
  • Last Updated: June 10, 2025 17:03:15 IST

Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में नए ईएसआई निगम मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है, जो न केवल चिकित्सा शिक्षा को नई दिशा देगा बल्कि श्रमिक वर्ग को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा। श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत मेरठ, शाहजहांपुर, बरेली और गोरखपुर सहित ग्रेटर नोएडा में भी नए अस्पतालों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कैशलेस उपचार की मिलेगी सुविधा

वर्तमान में ईएसआई योजना के तहत श्रमिकों को प्राथमिक से लेकर सुपर स्पेशियलिटी तक का उपचार मिल रहा है। बीमांकित कर्मचारियों और उनके परिजनों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों या जिला अस्पतालों में रेफर कर उपचार सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही स्वयं के खर्च पर उपचार की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भी है। प्रदेश में ईएसआई निगम के 109 अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य सेवाओं का यह विस्तार केवल इलाज तक सीमित नहीं है। चिकित्सा अवकाश प्रमाणीकरण की सुविधा भी इस योजना का अभिन्न हिस्सा है। योगी सरकार की भावी योजनाओं में स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार और आधुनिकीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। मेरठ, शाहजहांपुर और बरेली में नए अस्पतालों का निर्माण कार्य पूरी तेजी से चल रहा है। गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के लिए संबंधित औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय भी ले लिया गया है।

बेहतर इलाज सुनिश्चित करेंगे

इस व्यापक स्वास्थ्य योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ईएसआई निगम मेडिकल कॉलेज की स्थापना। ये संस्थान न केवल चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित करेंगे बल्कि श्रमिकों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त 12 नए औषधालयों की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के पीआईपी प्लान के तहत 237.50 लाख रुपये और 2025-26 के लिए 80.90 लाख रुपये के उपकरणों की स्वीकृति ईएसआई निगम से मिल चुकी है। इससे अस्पतालों में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होंगे जो बेहतर इलाज सुनिश्चित करेंगे।

कारखानों की संख्या 27,453 पहुंची

डिजिटल युग के अनुकूल होते हुए निदेशालय में 1 अप्रैल से ई-ऑफिस सिस्टम लाइव हो चुका है, जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और कुशल बनाएगा। चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए ईएसआई चिकित्साधिकारियों के कैडर रिव्यू की प्रक्रिया भी प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की भांति शुरू कर दी गई है। योगी सरकार की इन नीतियों का प्रभाव केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं है। कारखाना अधिनियम के तहत भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। पंजीकृत कारखानों की संख्या 27,453 तक पहुंच गई है, जो पिछले नौ वर्षों में लगभग शत प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। ऑनलाइन पंजीकरण, ऑटो-मोड नवीनीकरण और रीयल-टाइम निरीक्षण मॉनिटरिंग जैसे डिजिटल सुधारों ने उद्यमियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है।

दर्पण डैशबोर्ड पर A+ श्रेणी

इन प्रयासों की सफलता का प्रमाण यह है कि श्रम विभाग ने दर्पण डैशबोर्ड पर A+ श्रेणी में चतुर्थ स्थान और ई-ऑफिस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। साथ ही BRAP रैंकिंग में ‘टॉप अचीवर्स’ श्रेणी में भी जगह बनाई है। नए अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और डिजिटल सुधारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है। ये व्यापक प्रयास न केवल श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करेंगे बल्कि राज्य को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।