Caste census: केंद्र सरकार ने भारत में जनगणना करने का फैसला और अधिसूचना जारी कर दी है. 2026 के अंत में कुछ पहाड़ी राज्यों में और 2027 से पूरे देश में जनगणना शुरू होगी । इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव से पहले ही मुद्दा बनाते आए हैं. हाल में ही सरकार ने जनगणना करने का निर्णय लिया. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार से तेलंगाना मॉडल पर Caste census or census करवाने की माँग कर रही है. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने सेन्सस करवाया जिसमें जाति जनगणना भी शामिल है . वहीं कांग्रेस नेतृत्व ने अब कर्नाटक सरकार को भी जनगणना करने का आदेश दिया है।
तेलंगाना सरकार में पिछले कुछ महीने पहले ही जाति जनगणना और जनगणना करवाई है. दिल्ली में आए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने तेलंगाना में 60 दिनों यानी दो महीने में जनगणना और जाति जनगणना करवाई. रेवंत रेड्डी के मुताबिक इस जनगणना में कुल 1 लाख 50 हज़ार मैन पावर
का इस्तेमाल किया गया।
जातिगत जनगणना का सीधा मतलब होता है कि देश में किसकी कितनी जाति के कितने लोग हैं, इसके स्पष्ट आंकड़े सामने रखे जाएं। अब देश में जातिगत जनगणना पहले भी हुई है, लेकिन तब ओबीसी को उसमें शामिल नहीं किया जाता था।
वहीं अब जाति जनगणना का मुद्दा केंद्र की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा रहा. विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए दिख रहे हैं. विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर क्रेडिट लेती भी नजर आ रही है . जिस दिन भाजपा सरकार ने जनगणना का फैसला किया उसी दिन से कांग्रेस पार्टी तेलंगाना मॉडल का जिक्र कर रही है.