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अमेरिकी हमले से पहले ही ईरान ने हटा लिए थे 400 किलो यूरेनियम…! इजरायली अधिकारियों के खुलासे में कितनी सच्चाई

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inkhbar News
  • Last Updated: June 23, 2025 09:53:36 IST

US strikes : रविवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थल नतांज, फोर्डो और इस्फ़हान पर अमेरिका ने बड़ा सैन्य हमला किया. अमेरिकी हमले के कारण पश्चिम एशिया में पहले से तनावपूर्ण हालात और अधिक गंभीर हो गए हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमलों की पुष्टि करते हुए दावा किया कि ये परमाणु साइटें पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं.

क्या है खुलासे में कितनी सच्चाई

ट्रम्प के पु बयान के कुछ ही घंटों बाद जारी हुए उपग्रह चित्रों ने भी फोर्डो संयंत्र और तेहरान के दक्षिण में स्थित पहाड़ी क्षेत्र को गंभीर क्षति में दिखाया. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका पहली बार सीधे इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल हुआ है.

हालांकि,न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दो वरिष्ठ इज़रायली अधिकारियों ने खुलासा किया है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले ही फोर्डो संयंत्र से बड़ी मात्रा में यूरेनियम और संवेदनशील उपकरण हटा लिए थे.रिपोर्ट के मुताबिक 400 किलोग्राम यूरेनियम को हमले से पहले ही वहां से हटा लिया गया था…ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि हमला किए गए परमाणु स्थलों में कोई भी उत्सर्जक सामग्री मौजूद नहीं थी, जिससे विकिरण रिसाव की कोई आशंका नहीं है.

अमेरिका के बयान में भी समानता नहीं

वहीं इस हमले के बाद अमेरिका के अंदर से भी अलग-अलग बयान सामने आए हैं. उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्वीकार करते हुए कहा अमेरिकी प्रशासन को अभी तक यह नहीं पता कि ईरान ने यूरेनियम का भंडार कहां स्थानांतरित किया है.उन्होंने कहा कि यह उन मुद्दों में से एक है,जिस पर हम ईरानी अधिकारियों से बातचीत करेंगे.

बंकर बस्टर बमों से ईरान पर हमला

रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के नए अध्यक्ष डैन केन ने भी ट्रम्प के पूरी तरह से नष्ट होने के दावे पर सावधानीपूर्वक टिप्पणी की.अमेरिकी अधिकारियों ने केवल यह कहा कि परमाणु साइटों को काफी क्षति पहुंचाई गई है,जो प्रारंभिक आकलनों में भी सामने आया है.हमले में अमेरिका ने अत्याधुनिक बी2 स्टील्थ बमवर्षकों का इस्तेमाल किया,जिनकी लागत 2 अरब डॉलर से अधिक बताई जा रही है. इन विमानों ने बंकर बस्टर बमों से फोर्डो संयंत्र को निशाना बनाया.

फोर्डो संयंत्र पर अमेरिका का हमला इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह यूरेनियम संवर्धन की दृष्टि से सबसे सुरक्षित और महत्वपूर्ण संयंत्रों में से एक था.विशेषज्ञों का मानना है कि यह संयंत्र एक महीने से भी कम समय में नौ परमाणु बमों के लिए हथियार-स्तर की यूरेनियम सामग्री तैयार कर सकता है.