Operation Midnight Hammer: रविवार, 22 जून 2025 की सुबह जब दुनिया सोकर उठी तो एक बड़ी खबर ने सबको चौंका दिया। इजरायल और ईरान के बीच 10 दिनों से चल रहे संघर्ष में अमेरिका कूद चुका था। अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर 13,608 किलो वजनी बंकर बस्टर बम गिराए। इस मिशन को अंजाम देने के लिए 125 से अधिक विमान लगाए गए थे। 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और 30 से ज्यादा टोमाहॉक मिसाइलों से ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। आइये जानते हैं इस ऑपरेशन की पूरी कहानी कि कैसे अमेरिका ने जबरदस्त रणनीति बनाकर ईरान को गच्चा दे दिया।
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए लॉन्च किया गया था। अमेरिकी वायुसेना और नौसेना ने मिलकर इस ऑपेरेशन को अंजाम दिया। इस योजना के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं दी गई थी। सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइन्ट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन को इस ऑपरेशन के बारे में पूरी जानकारी थी। अमेरिका ने डिकॉय यानी छल का सहारा लेकर ईरान को भ्रमित किया फिर मिसाइल दागे।
रविवार को प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बताया कि 2001 के बाद यह अब तक की सबसे लंबी बी2 स्पिरिट बमवर्षक उड़ान थी। इसमें पहली बार मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर का इस्तेमाल हुआ था। 7 बी2 स्टेल्थ बमवर्षक थे। भारतीय समयानुसार सुबह 4 बजकर 10 मिनट से 4 बजकर 35 मिनट तक बमबारी हुई। ध्यान भटकाने के लिए कुछ टारगेट को प्रशांत महासागर की तरफ भेजा गया था। अमेरिकी पनडुब्बी ने इस्फ़हान पर दो दर्जन टोमाहॉक मिसाइलें दाग़ी।
इस ऑपरेशन में शामिल 7 B-2 बॉम्बर्स दुनिया का सबसे उन्नत स्टील्थ विमान है। यह रडार के पकड़ में नहीं आता है। 11000 किलोमीटर की रेंज वाला यह विमान B-2 दो GBU-57 MOP बम साथ लेकर जा सकता है। इसने 18 घंटे तक उड़ान भरी और फोर्डो और नतांज पर 14 GBU-57 MOP बम गिराए। ईरान की रक्षा प्रणाली इस बात से बिल्कुल बेखबर रही कि अमेरिका इतना बड़ा हमला कर सकता है।