Pakistan : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर पाकिस्तान चारों तरफ से घिर गया है. वहीं इस फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में उबाल ला दिया है.
बता दें कि यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की गई है.इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं.बीते सप्ताह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की वाशिंगटन यात्रा के दौरान ट्रंप से मुलाकात हुई थी. इसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि पाकिस्तान,अमेरिका को ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अपने एयरबेस और समुद्री क्षेत्रों के इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है.
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान की सरकार और सेना की आलोचना तेज हो गई है.पाकिस्तान की पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ पत्रकार मलीहा लोधी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल मांगा है,उन्हें अब माफी मांगनी चाहिए. उन्हें अपनी करनी पर शर्मिंदा होना चाहिए.
वहीं,वरिष्ठ लेखक जाहिद हुसैन ने भी एक्स पर लिखा कि हमारे नोबेल शांति पुरस्कार के नॉमिनी डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर बमबारी की है और दुनिया को एक नई बर्बादी के मुहाने पर ला खड़ा किया है.इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लोधी ने सरकार की नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सांसद साहिबजादा हामिद रजा ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया कह रही है कि आप अपने एयरबेस और समुद्री क्षेत्र ईरान के खिलाफ अमेरिका को देने वाले हैं. ये पाकिस्तान की जमीन और समुद्र किसी के बाप की जागीर नहीं है.उन्होंने आगे कहा कि आप लोग लंदन और दुबई में घर बना चुके हैं,वहां भाग जाएंगे.लेकिन पाकिस्तान की अवाम यहां है और वे इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी. अगर आपने अमेरिका को सहूलियत दी,तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.
मामले में इमरान खान के समर्थक सांसदों ने भी इस मुद्दे पर सरकार की तीखी आलोचना की.रजा ने कहा कि इमरान खान का स्टैंड साफ है, हम इजरायल को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया और इजरायल को बताया तो पाकिस्तान उसका हिसाब करेगा.उन्होंने कहा कि इमरान खान की राय जाननी हो तो जेल में जाकर उनका वीडियो बना लीजिए,वह आज भी अपने स्टैंड पर कायम हैं.