Flood in Northeast: पूर्वोत्तर भारत इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. लगातार बारिश, नदी कटाव और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. असम में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. राज्य के अब तक 21 जिले प्रभावित हैं. जिसमें लगभग 6 लाख लोग प्रभावित है इनमें से 40,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.
मानसून की तेज रफ्तार से बाढ़ और भूस्खलन ने जीवन अस्त-व्यस्त (Flood in Northeast ) कर दिया है. बीते दिनों धुबरी जिले के फकीरगंज थाना अंतर्गत वाहाब बाजार स्थित मस्जिद भी ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव का शिकार बन गई है. एक-एक कर आवास, स्कूल, मंदिर, मजीद नदी में समा रहे हैं. स्थानीय लोग दर्द एवं विस्थापन की परिस्थिति में अपनी दुआओं और मदद की अपील करते दिख रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार ब्रह्मपुत्र का जलस्तर धुबरी में खतरे के स्तर से लगभग 40 सेमी ऊपर बह रहा है, जिससे फकीरगंज जैसे इलाकों में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है. वहीं बारिश और बाढ़ के कारण ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव के कारण नदी किनारे रह रहे लोगों लोगों हर संपति जल समाधि ले रही हैं. करीब 21 जिलों में लगभग 6.8 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. नागाँव, चाचर में हालिया घटनाओं के बाद मृतक संख्या बढ़कर 19 तक पहुंच गई.
बाढ़ के कारण नाव मार्ग, पुल और लोहे/बांस के पुल जैसे हाजो का किलाफ पुल बह चुका है. इससे दूर दराज इलाकों की कनेक्टिविटी बाधित हुई है और छात्र‑शिक्षकों का आवागमन दुश्वार हो गया. SDRF, NDRF व जिला प्राधिकरण बचाव व राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही असम राज्य प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की 328 राहत शिविरों में 40,000+ लोग शरण लिए हुए हैं.