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गौतमबुद्ध नगर में 417 करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर को मिली मंजूरी, CM योगी बोले- आभार प्रधानमंत्री जी!

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inkhbar News
  • Last Updated: June 26, 2025 12:07:47 IST

Noida News : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। भारत सरकार ने प्रदेश में 417 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण और नवाचार को बढ़ावा देना है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को मजबूत करेगा। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने आज इस परियोजना की विस्तृत समीक्षा की। परियोजना के तेज क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इस परियोजना के लिए सीएम योगी ने पीएम मोदी का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री योगी का पीएम को आभार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में ₹417 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर (EMC 2.0) की स्थापना प्रदेश में नवाचार, विनिर्माण और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करेगा। इस परियोजना से 15 हजार से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ के निर्माण की दिशा में डबल इंजन की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी!

परियोजना का विस्तार और निवेश

आपको बता दें यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) द्वारा विकसित किया जाने वाला यह क्लस्टर 200 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला होगा। इस परियोजना में कुल 2,500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है, जो इसे उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं में से एक बनाता है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि यह परियोजना विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी और 15,000 नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

इन सुविधाओं से लेश होगा विनिर्माण क्लस्टर

यह क्लस्टर विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विनिर्माण का केंद्र बनेगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, ऑटोमोटिव और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, चिकित्सा उपकरण, कंप्यूटर हार्डवेयर और संचार उपकरण का निर्माण होगा। स्टार्टअप और एमएसएमई कंपनियों को यहां विश्व स्तरीय प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर और साझा सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस क्लस्टर में आधुनिक कारखाने के लिए तैयार शेड, निर्बाध विद्युत आपूर्ति, जल व्यवस्था, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, आवासीय छात्रावास, कौशल विकास केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवस्था कंपनियों के लिए स्थापना लागत को काफी कम करने में सहायक होगी।

सड़क, रेल और हवाई मार्ग से कनेक्टिविटी

क्लस्टर का स्थान इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यह यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और आगामी पलवल-खुर्जा एक्सप्रेसवे के साथ रणनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है। इसकी सड़क, रेल और हवाई मार्ग से कनेक्टिविटी है। यह नजदीकी रेलवे स्टेशन और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से सुविधाजनक स्थान पर है। यह ईएमसी मेडिकल डिवाइस पार्क, एमएसएमई पार्क, अपैरल पार्क और एविएशन हब जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों से घिरा हुआ है।

ईएमसी योजना की सफलता

अब तक ईएमसी योजना के तहत देशभर में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इस योजना ने 520 कंपनियों को आकर्षित किया है और 86,000 से अधिक रोजगार के अवसर मिलने वाले है। यह परियोजना भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक होगी।