Noida News : उत्तर प्रदेश में नोएडा और ग्रेटर नोएडा वाहन चलाने वालों के लिए जरूरी खबर है। एक नवंबर से दो लाख से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को तेल नहीं मिलने वाला है। यह फैसला सरकार ने ले लिया है। जिनकी भी गाड़ियों को ज्यादा समय हो गया है। परिवहन विभाग ने इनका रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया है जिसके बाद उन सभी गाड़ियों को सड़कों से हटाया जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में एनजीटी के आदेश के कारण 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल की गाड़ियों के चलने पर पाबंदी है। इन वाहनों को जब्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की टीमें बनाई जाएंगी। दिल्ली में 1 जुलाई से यह नियम लागू होने जा रहा है जिसके बाद एनसीआर के बाकी इलाकों में ये नियम लागू किया जाना है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में परिवहन विभाग ने करीब 40 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है। एनजीटी के फैसले के बाद से ये वाहन दिल्ली-एनसीआर में बैन हैं। इनमें से 13,417 वाहनों को दिल्ली-एनसीआर से बाहर दूसरे जिले में ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी किया जा चुका है।
एआरटीओ प्रशासन के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर से बाहर यूपी के 33 ऐसे जिले हैं, जिनमें पुराने वाहन चल सकते हैं। इन जिलों में इटावा, संत कबीर नगर, कुशीनगर, जौनपुर, कन्नौज, बलिया, मैनपुरी, प्रतापगढ़, लखीमपुर, बदायूं, गाजीपुर, अमेठी समेत अन्य जिले शामिल हैं। पुराने वाहनों को लोग परिवहन विभाग से एनओसी लेकर इन जिलों में ले जा सकते हैं। यदि ये यहां दौड़ते मिलते हैं तो जब्त कर लिए जाएंगे। लोग पुराने वाहन को दूसरे जिले में ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) ले सकते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर आवेदन करना होगा।