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20 साल बाद फिर से एक हो सकते हैं ठाकरे ब्रदर्स, जानें कैसे अलग हुई थी राज-उद्धव की राह

Raj Thackeray-Uddhav Thackeray
inkhbar News
  • Last Updated: June 27, 2025 16:28:14 IST

मुंबई। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर विवाद जारी है। इस बीच दोनों ठाकरे ब्रदर्स- उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने भाषा विवाद को लेकर संयुक्त रैली करने का ऐलान किया है। यह रैली 5 जुलाई को मुंबई में आयोजित होगी। इससे पहले उद्धव ने 6 जुलाई को और राज ने 7 जुलाई को रैली निकालने की घोषणा की थी।

पवार ने किया ठाकरे भाइयों का समर्थन

उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) के प्रमुख शरद पवार ने ठाकरे भाइयों की संयुक्त रैली का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कक्षा-1 से हिंदी अनिवार्य नहीं होनी चाहिए। पवार ने कहा कि अगर कोई नई भाषा पढ़ाई जानी है तो फिर उसे कक्षा-5 के बाद शुरू किया जाना चाहिए।

ठाकरे ब्रदर्स की संयुक्त रैली की घोषणा ने महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ा दी है। पिछले 20 सालों से सियासी दुश्मन बने हुए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच मतभेद की शुरूआत कैसे हुई थी, चलिए आपको बताते हैं…

1989 से पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं राज

राज ठाकरे साल 1989 से राजनीति में सक्रिय हैं। वो 1989 में 21 साल की उम्र में शिवसेना की स्टूडेंट विंग, भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रमुख बने थे। इस दौरान 6 सालों में यानी 1989 से 1995 के बीच उन्होंने लाखों की संख्या में युवाओं को शिवसेना में जोड़ा। इसका नतीजा ये हुआ कि शिवसेना का पूरे महाराष्ट्र में तगड़ा जमीनी नेटवर्क खड़ा हो गया और पार्टी 1995 में पहली बार सत्ता में आ गई।

लेकिन फिर बाद में शिवसेना पर उद्धव की पकड़ मजबूत होने लगी। 2002 तक राज और उद्धव के बीच सबकुछ ठीक चल रहा था। इस दौरान 2003 में महाबलेश्वर में शिवसेना का अधिवेशन हुआ। इस दौरान बालासाहेब ने राज से कहा कि उद्धव ठाकरे को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा करो।

इसके बाद उद्धव पार्टी पर काफी ज्यादा हावी होने लगे। शिवसेना के हर फैसले में उनका असर दिखने लगा। राज खुद को शिवसेना में अपमानित महसूस करने लगे। इसके बाद 27 नवंबर 2005 को उन्होंने अपने घर के बाहर हजारों समर्थकों के सामने शिवसेना छोड़ने का ऐलान किया।

राज ने 9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ यानी मनसे को बनाने का ऐलान किया। मनसे को राज ने ‘मराठी मानुस की पार्टी’ बताया और कहा कि अब यही पार्टी महाराष्ट्र पर राज करेगी।

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