लखनऊ/सीतापुर। 21 महीने से जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता आजम खान और परिवार के रिश्ते समाजवादी पार्टी से पहले की तरह नहीं है। गुरुवार को आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा उनसे मिलने जेल पहुंचीं थीं। मुलाकात के बाद जब उनसे आजम खान की रिहाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे सपा से कोई उम्मीद नहीं है, सिर्फ अल्लाह पर भरोसा है। तंजीन के इस बयान पर अखिलेश यादव का भी जवाब आया है। जिसे सफाई माना जा रहा।
सपा मुखिया ने आजम खान की रिहाई के 3 रास्ते बताये हैं। पहला जब यूपी में सरकार बदलेगी तो न्याय मिल सकता है। दूसरा कोर्ट उन्हें न्याय देगी तो और तीसरा अल्लाह उनका मदद करेगा तो। अखिलेश ने कहा कि अब इसमें हम क्या कर सकते हैं। ये सच है कि उनकी मदद अब अल्लाह और ईश्वर ही कर सकता है।
हालांकि अखिलेश का यह बयान आजम खान के समर्थकों को नागवार गुजर सकता है। आजम के समर्थक आरोप लगाते हैं कि समाजवादी पार्टी ने आजम खान से किनारा कर लिया है।
दरअसल, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आजम खान अक्टूबर 2023 से सीतापुर जेल में हैं। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 18 अक्टूबर 2023 को उन्हें 7 साल जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद सुरक्षा कारणों से आजम खान को 26 अक्टूबर 2023 को सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था।
पिछले कुछ समय से आजम खान और अखिलेश यादव में दूरियां साफ़ तौर पर देखी गई है। एक समय सपा के स्टार फेस रहे आजम खान अब पोस्टरों से भी गायब होते दिख रहे। फरवरी 2020 से मई 2022 तक जब आजम खान जेल में थे अखिलेश उनसे मिलने तक नहीं गए। 2022 में जेल से छूटे तो सिर्फ ट्वीट के जरिए उनका स्वागत किया।
2024 लोकसभा इलेक्शन के दौरान दोनों के बीच का मन मुटाव साफ़ दिखा। अखिलेश उनसे मिलने जेल पर्सनल सपोर्ट के लिए नहीं बल्कि सियासी मसला सुलझाना था। आजम खान रामपुर और मुरादाबाद से अपने पसंद का कैंडिडेट्स चाहते थे लेकिन उनकी मर्जी से टिकट का बंटवारा नहीं हुआ। आखिर-आखिर में जाकर दोनों जगह कैंडिडेट्स फाइनल हुए। सिंबल स्पेशल प्लेन से भेजा गया था।
अखिलेश यादव इन दिनों आजम खान को भूलकर अपनी पार्टी के दूसरे मुस्लिम नेताओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अभी कैराना सांसद इकरा हसन और संभल सांसद जियाउर रहमान बर्क ज्यादातर समय उनके साथ देखे जाते हैं। इधर कभी यूपी के मिनी सीएम रहे आजम खान और उनका परिवार कोर्ट-कचहरी का चक्कर काट रहा है।
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