पटना। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए निर्वाचन विभाग, पटना ने सभी जिलों में मृत या स्थानांतरित (शिफ्ट) हो चुके मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने जा रहा है। इस काम को शुरू भी कर दिया गया है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने इस अभियान को लेकर विस्तृत जानकारी दी और लोगों से सहयोग की अपील की है।
निर्वाचन विभाग के निर्देश पर 30 जून से ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे। परिवार में जितने मतदाता पंजीकृत हैं, उनके नाम की पुष्टि की जाएगी। इसके लिए एक विशेष फॉर्म भरवाया जाएगा। यदि किसी घर में पांच मतदाता हैं, तो सभी पांच के नाम की पुष्टि और फॉर्म भरना अनिवार्य होंगे।
डीएम ने बताया कि इस फॉर्म को भरने की अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 तय की गई है। निर्धारित तिथि तक फॉर्म नहीं भरने वाले मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। हालांकि, इसके बाद ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भी आवेदन की सुविधा उपलब्ध होगी।
निर्वाचन विभाग की ओर से यह कहा गया है जो नागरिक फॉर्म भरने से चूक जाएं वे BLO से संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 भी जारी किया गया है, जहां से पूरी जानकारी मिल जाएगी।
अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए 500 वॉलंटियर्स की टीम लगाई गई है। इनके साथ शिक्षा विभाग, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कर्मी और अन्य विभागों के कर्मचारी भी BLO की सहायता कर रहे हैं।
1987 से 2003 के बीच जन्मे लोगों को जन्मस्थान का प्रमाण और मां का दस्तावेज़ देना होगा। 2003 के बाद जन्मे व्यक्तियों को माता-पिता का पहचान प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।
डीएम डॉ. त्यागराजन ने स्पष्ट कहा, ‘यह पहल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम चाहते हैं कि जनता इस प्रक्रिया को गंभीरता से ले और पूर्ण सहयोग करे, ताकि मतदाता सूची से फर्जी नाम हटाए जा सकें और लोकतंत्र मजबूत हो।’
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