Noida News : एनसीआर क्षेत्र में अटकी रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा बिल्डर्स और डेवलपर्स को दी गई छूट योजना का लाभ उठाते हुए ओमेक्स कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लाया है। हाईकोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में लंबित पड़ी रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिल्डर्स और डेवलपर्स को कई प्रकार की राहत प्रदान करने वाली एक विशेष योजना लागू की थी। इस योजना का फायदा उठाते हुए ओमेक्स ने 93 करोड़ रुपये की राशि जमा की है, जो कंपनी की कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत है। इससे फ्लैट बायर्स को राहत मिलने वाली है।
इस भुगतान के परिणामस्वरूप, कुल 678 लंबित फ्लैट्स में से 170 फ्लैट्स को मुक्त कर दिया गया है। अदालत ने सभी संबंधित लीज डीड्स को निष्पादित करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने अगली किस्तों की तारीखें भी निर्धारित की हैं :
– 15 अक्तूबर 2025
– 15 अप्रैल 2026
– 15 अक्तूबर 2026
– 15 अप्रैल 2027
बिल्डर की ओर से पेश वकील ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि प्राधिकरण द्वारा शुल्क की पुनर्गणना के विरुद्ध एक सिविल रिवीजन दायर किया गया था। हालांकि, उन्होंने एक सकारात्मक प्रस्ताव भी रखा है। बिल्डर की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया है कि यदि प्राधिकरण 50 अतिरिक्त फ्लैट्स जारी करता है, तो कंपनी 25 करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा करने के लिए तैयार है। यह प्रस्ताव एनसीआर क्षेत्र में फंसे हुए होमबायर्स के लिए एक अच्छा संकेत हो सकता है। यह फैसला एनसीआर क्षेत्र में अटकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बिल्डर्स को राहत मिली है बल्कि हजारों होमबायर्स को भी अपने सपनों के घर मिलने की उम्मीद जगी है।