News India 24x7
  • होम
  • खेल
  • चहल से भी बड़ी मुसीबत…! हर महीने अपनी बीवी को 4 लाख का मुआवजा देगा ये भारतीय क्रिकेटर

चहल से भी बड़ी मुसीबत…! हर महीने अपनी बीवी को 4 लाख का मुआवजा देगा ये भारतीय क्रिकेटर

News India 24x7
inkhbar News
  • Last Updated: July 2, 2025 08:12:14 IST

Mohammed shami : भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को कानूनी मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है.कोलकाता हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में शमी को अपनी पूर्व पत्नी हसीन जहां और बेटी को हर महीने कुल 4 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.

कोर्ट का क्या है फैसला

कोलकाता की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए गुजारा भत्ता की राशि बेटी और मां दोनों की आर्थिक स्थिरता के लिए उचित और निष्पक्ष बताया. कोर्ट ने फैसले में कहा कि शमी को हसीन जहां को 1.5 लाख रुपये और अपनी बेटी को 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह देने होंगे.

अपने फैसले में जस्टिस मुखर्जी ने कहा कि मेरे विचार से,याचिकाकर्ता नंबर 1 (हसीन जहां) को 1.5 लाख रुपये और उनकी बेटी को 2.5 लाख रुपये प्रति माह देना न्यायसंगत है.कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मोहम्मद शमी अपनी बेटी की शिक्षा या भविष्य की आवश्यकताओं के लिए स्वेच्छा से अतिरिक्त सहयोग भी कर सकते हैं.

क्या है मामला

जानकारी के लिए बता दें कि हाइकोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया है, जो 2018 में अलीपुर कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी. उस समय कोर्ट ने शमी को हसीन को 50,000 रुपये और बेटी के लिए 80,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया था. लेकिन हसीन इस राशि को अपर्याप्त बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हसीन ने कहा था कि गुजारा की राशि कम है और उसने अपने लिए 7 लाख तथा बेटी के लिए 3 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता की मांग की थी. इतनी बड़ी रकम के लिए उन्होंने शमी की 2020-21 की 7 करोड़ रुपये से अधिक की आय का हवाला दिया था.

शादी से लेकर विवाद तक क्या कुछ

बता दें कि हसीन जहां और मोहम्मद शमी की शादी 2014 में हुई थी और 2015 में दोनों की एक बेटी का जन्म हुआ.हसीन जहां एक मॉडल और कोलकाता नाइट राइडर्स की पूर्व चीयरलीडर रह चुकी हैं. साल 2018 में हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा,दहेज उत्पीड़न और मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए थे,जिसके बाद बीसीसीआई ने शमी के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था.हालांकि बाद में बीसीसीआई की जांच में आरोप निराधार साबित हुए.