Bihar Election : ऐसी अटकलें हैं कि बिहार NDA में सब कुछ ठीक नहीं है…और गठबंधन के दो सहयोगी दलों में हो रही जुबानी जंग इसे हवा दे रहे है. चुनावी साल में गठबंधन में हो रही यह रार पीएम मोदी और नीतीश की मुश्किलें बढ़ाने जा रही है…बता दें कि बिहार में NDA के दो प्रमुख घटक दलों के नेताओं के बीच जारी जुबानी हमले ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह टकराव न केवल भाजपा के लिए चिंता का विषय बन सकता है, बल्कि नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी की रणनीति पर भी असर डाल सकता है.
दरअसल बीते मंगलवार (1 जुलाई) को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर करारा तंज कसा. बिना नाम लिए मांझी ने कहा-2020 के चुनाव में जो हश्र हुआ, वो सबने देखा. अगर इस बार भी वैसा ही किया गया तो परिणाम भी वैसा ही होगा. चिराग पासवान की बिहार विधानसभा चुनाव में भागीदारी की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि बिहार में अभी किसी और की आवश्यकता नहीं है क्योंकि राज्य में पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है.
याद दिला दें 2020 के चुनाव में चिराग पासवान ने NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा था और JDU के खिलाफ सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें केवल एक सीट पर जीत मिली. इसका नतीजा यह हुआ कि जेडीयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा और वह 43 सीटों पर सिमट गई थी. जिसके बाद एक बार फिर जब चुनाव होने वाला है तो चर्चाएं तेज हैं कि इस बार चिराग पासवान खुद बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
इन सब के बीच चिराग पासवान के बहनोई और लोकसभा सांसद अरुण भारती ने जीतन राम मांझी पर पलटवार किया.लोकसभा सांसद अरुण भारती ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा कि बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा दे देने का अनुभव,वाकई चिराग पासवान जी के पास नहीं है. यह सीधा इशारा मांझी के 2015 के घटनाक्रम की ओर था जब उन्होंने विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अरुण भारती ने आगे कहा कि यह सही है कि मांझी जी ने कहा कि चिराग के पास अनुभव की कमी है, लेकिन उनके पास वह अनुभव नहीं है जो खुद बहुमत से पहले पीठ दिखाकर भाग गए. उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान बिहार के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और शाहाबाद क्षेत्र से आए ताजा सर्वे में उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा है.भारती का यह संकेत इस ओर भी इसारा कर रहा है कि चिराग पासवान आगामी चुनाव में शाहाबाद क्षेत्र से किस्मत आजमा सकते हैं.
जीतन राम मांझी पर पलटवार कर रहे अरुण भारती ने तेजस्वी यादव के उस बयान पर… कि रामविलास पासवान ने लालू यादव के शासन को सामाजिक न्याय का काल कहा था,अरुण भारती ने कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा तेजस्वी गलत बयान दे रहे हैं. हमारे नेता ने कभी ऐसा नहीं कहा. तेजस्वी यादव के पास शिक्षा की कमी है, इसलिए वे उल्टे-सीधे बयान देते हैं.
इन सब के बीच जो सबसे बड़ा सवाल है वो ये कि क्या यह NDA के भीतर सॉफ्ट वॉर चल रहा है? कहने और दिखने में भले ही NDA में भाजपा, जेडीयू, लोजपा (रामविलास) और हम जैसे दल एक साथ दिखते हो लेकिन चिराग और मांझी के बीच चल रही जुबानी जंग से गठबंधन एकता की छवि को झटका लग रहा है. दोनों नेता केंद्र सरकार में मंत्री हैं, ऐसे में यह टकराव भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह टकराव समय रहते नहीं थमा, तो इसका असर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव की सीट बंटवारे और गठबंधन की छवि पर पड़ सकता है. फिलहाल तो मांझी बनाम चिराग की यह जुबानी जंग राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई जैसी दिख रही है. लेकिन इसके पीछे सत्ता की साझेदारी, रणनीतिक महत्वाकांक्षा और पुरानी नाराज़गियां भी नजर आ रहा है.