नई दिल्ली। पूर्वी चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों की क्वाड देशों ने निंदा की है। क्वाड में शामिल देश- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की वाशिंगटन एक बैठक हुई। इस मीटिंग में साझा बयान जारी किया गया, जिसमें चीन को सख्त लहजे में चेतावनी दी गई है। क्वाड ने अपने बयान में कहा है कि पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में चीन की मनमानी क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचा रही है।
क्वाड ने कहा कि चीन पड़ोसियों को धमकाने के लिए जहाजों की टक्कर, वॉटर कैनन का इस्तेमाल और समुद्री संसाधनों में दखल जैसे कदम खुले तौर पर उठा रहा है। बयान में चारों देशों ने कहा है कि हम एकतरफा बल प्रयोग या दबाव डालकर मौजूदा स्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।
इसके साथ ही क्वाड ने चीन को 12 जुलाई 2016 को दिए गए Arbitral Tribunal के फैसले की याद दिलाई है। बता दें कि इस फैसले में चीन के नाइन-डैश लाइन वाले दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था, हालांकि चीन ने न सिर्फ इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया बल्कि उसके बाद और भी आक्रामक रुख अपनाना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि नाइन-डैश लाइन चीन की एक काल्पनिक रेखा है, जो दक्षिण चीन सागर में अपने ऐतिहासिक दावे को दर्शाता है। चीन अपने नक्शे में 9 डैश यानी 9 लकीरों की एक घुमावदार रेखा को दिखाता है। इस रेखा के जरिए चीन दावा करता है कि उसका पूरे समुद्री क्षेत्र पर ऐतिहासिक और संप्रभु अधिकार है।
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