News India 24x7
  • होम
  • दिल्ली
  • CBI की बड़ी कार्रवाई : टाटा इंस्टीट्यूट के चांसलर डी.पी. सिंह समेत 35 लोगों पर एफआईआर

CBI की बड़ी कार्रवाई : टाटा इंस्टीट्यूट के चांसलर डी.पी. सिंह समेत 35 लोगों पर एफआईआर

News India 24x7
inkhbar News
  • Last Updated: July 4, 2025 10:25:27 IST

New Delhi : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के चांसलर डी.पी. सिंह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में कुल 35 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आठ अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और UGC की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

मेडिकल कॉलेजों की मान्यता में गड़बड़ी

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, यह एफआईआर देशभर के मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण और नियामक प्रक्रियाओं में हुई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दर्ज की गई है। जांच एजेंसी का आरोप है कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और निरीक्षण प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं। डी.पी. सिंह, जो वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के चांसलर हैं, 2018 से 2021 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके UGC अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे, जिनमें से कुछ अब विवाद के घेरे में हैं।

निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया

सीबीआई के AC-3 ब्रांच, जो मुख्यालय में स्थित है, इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है। यह ब्रांच शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े भ्रष्टाचार मामलों की जांच के लिए जानी जाती है। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में गंभीर अनियमितताओं के पुख्ता सबूत मिले हैं।
एफआईआर में लगाए गए आरोपों के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी और निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के शामिल अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अनुचित लाभ प्राप्त किया था।

35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

इस मामले में शामिल 35 लोगों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी, निजी मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर्स और कुछ सलाहकार शामिल हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि यह जांच लंबी चलने वाली है और आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी ने सभी संबंधित व्यक्तियों और संस्थानों से सहयोग की अपेक्षा की है।