Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में कई वर्षों के बाद राज और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए, जिससे राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। अब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ठाकरें बंधुओं की रैली पर निशाना साधा गया है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने उद्धव-राज ठाकरे की रैली को न सिर्फ समाज को बांटने वाला बताया, बल्कि जिहादी और हिंदू विरोधी भी करार दिया है।
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने मीडिया से बात करते हुए ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हम हिंदू हैं और मराठी होने पर गर्व भी करते हैं। जिस तरह से जिहादी हमारे समाज को विभाजित करने का प्रयास करते हैं…यह लोग भी ठीक वैसा ही कर रहे हैं। इतना नहीं राणे ने कहा कि इनका यह प्रयास पीएफआई या सिमी से अलग नहीं है। यह लोग राज्य को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।”
बीजेपी नेता ने कहा,”इन दोनों की बैठक और रैली का उद्देश्य हिंदुओं और मराठी लोगों को विभाजित करना है। इसकी तुलना हम पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों की रैलियों से कर सकते हैं। क्योंकि इस रैली के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुओं को ही होगा। इसके बाद नल बाजार (मुस्लिम बहुल इलाका) में मिठाईयां बांटी जाएंगी और पटाखे चलेंगे।”
अब नितेश राणे ने ठाकरे बंधुओं की इस रैली को भले ही हिंदू विरोधी बताया हो, लेकिन पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सुलह का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “अगर राज और उद्धव ठाकरे एक साथ आ रहे हैं, तो यह अच्छी बात है। उन्हें हमारी शुभकामनाएं हैं। दोनों भाइयों (Maharashtra Politics) को एक होना चाहिए और एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर जरूरी हो तो दोनों पार्टियों को विलय पर भी विचार करना चाहिए।” तीन भाषा नीति विवाद पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया गया था। मुझे अभी तक समझ नहीं आया कि आखिर इस पर गलतफहमी क्यों फैलाई जा रही है।
बता दें, इससे पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दो दशक के बाद एक साथ आए हैं। दोनों ने राज्य की फडणवीस सरकार के ऊपर राज्य के स्कूलों में हिंदी थोपे जाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने राज्य की फडणवीस सरकार द्वारा फैसले को वापस लेने का भी जश्न मनाया। राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा कि जो काम बाला साहेब ठाकरे नहीं कर पाए वह काम फडणवीस ने कर दिया। उन्होंने हम दोनों भाइयों को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया।