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Trump tariff 2025 : ट्रंप ने 14 देशों पर फोड़ा टैरिफ बम, जानें किस देश पर कितना लगा टैक्स..

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  • Last Updated: July 8, 2025 09:15:36 IST

Trump tariff 2025 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए 14 देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने इस फैसले को अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार घाटे को कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक के बाद एक कई पोस्टों के माध्यम से ट्रंप ने इसकी घोषणा की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में कहा कि इन देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ दरें व्यापार घाटे को समाप्त करने के लिए जरूरी थीं.

14 देशों पर लागू किया टैरिफ

ट्रंप ने पहले चरण में जापान और साउथ कोरिया पर 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया. इसके बाद उन्होंने म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान और मलेशिया के उत्पादों पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके बाद ट्रंप ने पांच और देशों ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और थाईलैंड पर भी टैरिफ लागू करने का ऐलान किया.

किस देश पर कितना टैरिफ

  • जापान: 25%
  • साउथ कोरिया: 25%
  • म्यांमार: 40%
  • लाओस: 40%
  • दक्षिण अफ्रीका: 30%
  • कजाकिस्तान: 25%
  • मलेशिया: 25%
  • ट्यूनीशिया: 25%
  • इंडोनेशिया: 32%
  • बोस्निया: 30%
  • बांग्लादेश: 35%
  • सर्बिया: 35%
  • कंबोडिया: 36%
  • थाईलैंड: 36%

अल्टीमेटम के साथ टैरिफ की घोषणा

अपने पोस्ट में ट्रंप ने यह भी बताया कि यह कदम एक स्वीकार करें या छोड़ दें अल्टीमेटम के रूप में लिया गया है. उनका उद्देश्य इन देशों के साथ व्यापार वार्ता को तेज करना और टैरिफ सिस्टम को आगे बढ़ाना है. ट्रंप ने कहा कि हम दक्षिण कोरिया और जापान के साथ लंबे समय से व्यापार घाटे का सामना कर रहे हैं. इन टैरिफ्स को लागू करने से इस असंतुलन को सुधारने की दिशा में एक पहला कदम उठाया गया है,ताकि अमेरिकी कारोबार और श्रमिकों को न्यायपूर्ण अवसर मिल सकें.

फैसले का किस पर होगा असर

ट्रंप ने जोर देते हुए कहा कि अमेरिका इन देशों के साथ व्यापार जारी रखने के लिए तैयार है,लेकिन शर्त यह है कि यह व्यापार निष्पक्ष और संतुलित हो. अमेरिका का फैसला अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में भूचाल ला सकता है और वैश्विक व्यापार संबंधों में उथल-पुथल मचा सकता है. इन देशों को टैरिफ का सामना करना होगा, जिससे उनके उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं और उन्हें अमेरिका में अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना पड़ सकता है.