Ghaziabad news : गाजियाबाद के प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर (Siddhpeeth Dudheshwar Nath temple) में सावन के पहले सोमवार को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस अवसर पर मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज से न्यूज़ इंडिया संवाददाता ऋषभ भारद्वाज (News India report from Dudheshwar Nath temple ) की विशेष बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने मंदिर की व्यवस्थाओं और सावन के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। महंत नारायण गिरी ने बताया कि कल सावन का पहला सोमवार होने के कारण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लाखों लोग दूधेश्वर नाथ मंदिर पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया, “आज रात 12 बजे से ही भक्तों की लाइन जल चढ़ाने के लिए लगनी शुरू हो जाएगी। सावन के पहले सोमवार की महत्ता को देखते हुए हमने व्यापक तैयारियां की हैं। पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा और यातायात की पुख्ता व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मंदिर समिति की ओर से 500 से अधिक कार्यकर्ता भक्तों की सुविधा और व्यवस्था के लिए तैनात रहेंगे।”महंत जी ने बताया कि मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है और भक्तों के लिए पेयजल, छाया, और बैठने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, मंदिर में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया गया है ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर शांति और श्रद्धा के साथ अपने घर लौटे।
“कांवड़ यात्रा और खंडित होने की भ्रांति पर महंत का स्पष्टीकरणहाल के दिनों में कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ घटनाएं देखने को मिली हैं, जहां मामूली टक्कर या विवाद के बाद कांवड़ियों द्वारा हंगामा किए जाने की खबरें सामने आई हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि ऐसी घटनाओं में कांवड़ “खंडित” हो जाती है। इस मुद्दे पर महंत नारायण गिरी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा, “कांवड़ कभी खंडित नहीं होती। जो अखंड है, वह खंडित कैसे हो सकता है? कांवड़ भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। यह एक पवित्र यात्रा है, जो भक्तों के मन में भक्ति और समर्पण का भाव जगाती है।”उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि वे इस पवित्र यात्रा को शांति और भक्ति के साथ पूरा करें।
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न्यूज़ इंडिया के माध्यम से महंत जी ने कहा, “कांवड़ यात्रा एक आस्था का पर्व है। इसे प्रेम, भाईचारे और शांति के साथ मनाना चाहिए। किसी भी प्रकार के विवाद या हिंसा से बचना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव का संदेश शांति और करुणा का है।”सावन के महत्व और भक्तों के लिए संदेशमहंत नारायण गिरी ने सावन माह के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार को विशेष रूप से सुनते हैं। जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के माध्यम से भक्त अपनी मनोकामनाएं भगवान के चरणों में अर्पित करते हैं।” उन्होंने भक्तों से अपील की कि वे मंदिर में दर्शन के लिए आते समय नियमों का पालन करें और एक-दूसरे का सम्मान करें।
“सावन का यह पवित्र अवसर हमें आपसी भाईचारे और प्रेम को बढ़ाने का मौका देता है। सभी भक्त शांति और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें और अपने जीवन में सकारात्मकता लाएं,” महंत जी ने कहा।मंदिर समिति और प्रशासन की तैयारियांमंदिर समिति के कार्यकर्ताओं के अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भी भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग, सीसीटीवी कैमरे, और पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसके साथ ही, मेडिकल सुविधाएं और एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।