Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025 : इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति उफान पर है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में व्यस्त है. इस बीच विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने मास्टर स्ट्रोक चलाने शुरू कर दिए हैं. बीते मंगलवार 08 जुलाई को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें लिए गए कई फैसलों को चुनावी समीकरणों को साधने वाला माना जा रहा है. खासतौर पर महिलाओं, युवाओं और किसानों के हित में लिए गए ये निर्णय सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की रणनीति की ओर संकेत कर रहे हैं.आइए जानते हैं नीतीश कुमार के ऐसे पांच बड़े फैसले जो चुनावी माहौल में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के युवाओं को साधने के लिए सबसे बड़ा दांव खेला है. उन्होंने घोषणा की है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई थी. इसके बाद वर्ष 2020 में शुरू किए गए सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख सरकारी नौकरियों और 38 लाख रोजगार का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 10 लाख सरकारी नौकरियों और लगभग 39 लाख रोजगार के आंकड़े पूरे किए जा चुके हैं. अब मुख्यमंत्री ने इसे दोगुना करते हुए आगामी पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी/रोजगार देने की बात कही है.
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाते हुए नीतीश कुमार सरकार ने राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने का निर्णय लिया है. खास बात ये है कि इस फैसले में बिहार की मूल निवासी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
नीतीश कुमार का यह फैसला महिला मतदाताओं को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ 64 लाख से अधिक है. इससे पहले भी राज्य सरकार ने महिला सुरक्षा और सुविधा के लिए पिंक बस सेवा, कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल, महिला हाट और मोबाइल जिम जैसी योजनाएं शुरू की थी.
युवाओं के समग्र विकास के लिए नीतीश सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन की घोषणा की है. इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है. यह आयोग विभिन्न सरकारी विभागों से समन्वय कर नीतियां बनाएगा. इस आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे, जिनकी अधिकतम उम्र 45 वर्ष रखी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोग के माध्यम से राज्य के युवा आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगार पाएंगे बनेंगे.
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने वृद्धजन, विधवा और दिव्यांगजनों की पेंशन राशि में तीन गुना बढ़ोतरी कर दी है. अब हर पात्र लाभार्थी को 400 रुपये की जगह 1100 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी. ज्ञात हो कि बिहार में 80 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 16 लाख से अधिक है और दिव्यांग जनों की आबादी लगभग 8.69% है. इस फैसले से सीधे तौर पर करीब 1.09 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा.
हालांकि उपरोक्त चार फैसलों की चर्चा मुख्य रूप से हो रही है, लेकिन कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए भी कई अहम योजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसमें सिंचाई योजनाएं, उर्वरक अनुदान और कृषि यांत्रिकीकरण से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं. इससे गांव और कृषि आधारित वोट बैंक को साधने की कोशिश की जा रही है.
2025 के चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तैयारी के साथ उतरते दिख रहे हैं. युवाओं को नौकरी, महिलाओं को आरक्षण और बुजुर्गों को पेंशन बढ़ोतरी जैसे फैसले सामाजिक संतुलन साधने की रणनीति का हिस्सा हैं. अब देखना यह होगा कि ये मास्टर स्ट्रोक आने वाले चुनावों में वोटों में कितने तब्दील होते हैं.