Ghaziabad News : सावन मास की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर गाजियाबाद और मेरठ में प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए हैं। आज से दिल्ली-मेरठ मार्ग (एनएच-34, पूर्व में एनएच-58) को कांवड़ियों के लिए एकतरफा (वन-वे) कर दिया गया है। इस दौरान मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाली लेन को पूरी तरह से कांवड़ियों के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि दूसरी लेन नियमित ट्रैफिक के लिए खुली रखी गई है। यह व्यवस्था 14 जुलाई दोपहर 12 बजे से लागू हो चुकी है और 17 जुलाई की रात 10 बजे से दोनों लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
गाजियाबाद पुलिस और यातायात विभाग ने कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए व्यापक ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार किया है। एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने बताया कि मोहननगर, मेरठ तिराहा, राजनगर एक्सटेंशन, और हापुड़ चुंगी की ओर से दिल्ली-मेरठ मार्ग पर केवल मेरठ जाने वाली लेन पर वाहन चल सकेंगे। कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
इसके अलावा, दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास गौशाला रोड पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, ताकि श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के लिए किसी प्रकार की असुविधा न हो। यातायात पुलिस ने कांवड़ मार्ग पर 1000 बैरिकेडिंग और 700 कर्मियों की तैनाती की है। कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के माध्यम से हर मिनट निगरानी की जा रही है, और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष लेन भी आरक्षित की गई हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान गाजियाबाद में लगभग 220 किलोमीटर का कांवड़ कॉरिडोर बनाया गया है, जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांवड़ियों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है।