World: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से एक व्यापार समझौते (ट्रेड डील) पर बातचीत चल रही है, लेकिन ये डील एक अनोखी वजह से अटक गई है ‘नॉन वेज मिल्क’ की वजह से।
अमेरिका चाहता है कि भारत अपना खेती और डेयरी बाजार उसके लिए खोल दे, ताकि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स भारत में आकर बिक सकें। अमेरिका को उम्मीद है कि भारतीय लोग उसके डेयरी आइटम्स (जैसे दूध, पनीर, चीज़ आदि) खरीदेंगे और इससे अमेरिका को बड़ा फायदा होगा।
भारत को इस पर कड़ा ऐतराज है। वजह है अमेरिका का डेयरी प्रोडक्शन तरीका। अमेरिका में गायों को ऐसा चारा खिलाया जाता है जिसमें जानवरों का मांस, खून, मछली और चर्बी मिली होती है। यानी वहां का दूध पूरी तरह शाकाहारी नहीं होता। भारत में इसे ‘नॉन वेज मिल्क’ कहा जा रहा है।भारतीय संस्कृति में गाय और दूध दोनों ही पवित्र माने जाते हैं, इसलिए भारत ऐसे डेयरी प्रोडक्ट्स को अपने बाजार में आने नहीं देना चाहता। सरकार ने साफ कहा है कि देश की संस्कृति और लोगों की सेहत के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।
अगर भारत अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स को इजाजत दे देता है, तो यहां के छोटे डेयरी किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे।
स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि इससे भारत के दूध और उससे बने प्रोडक्ट्स की कीमतों में 15% तक गिरावट आ सकती है। इससे किसानों को हर साल करीब 1.03 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
1 अगस्त 2025 से कुछ नए व्यापारिक टैक्स नियम लागू होने वाले हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत और अमेरिका इसके पहले किसी समझौते पर पहुंच जाएं। हालांकि, ‘नॉन वेज दूध’ अभी भी सबसे बड़ी अड़चन बना हुआ है।
यह भी पढ़े: अलास्का में आया भयंकर भूकंप, 100 किलोमीटर तक हिली धरती, 7.3 रही तीव्रता