UP Politics:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी में वसंत महिला महाविद्यालय में आयोजित जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान पर जोर देते हुए समाज में विभेद फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार किया.
मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताते हुए कहा कि यह समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण में अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है. उन्होंने उदाहरण के तौर पर भगवान राम के वनवास, महाराणा प्रताप के संघर्ष और छत्रपति शिवाजी के हिंदवी साम्राज्य की स्थापना का जिक्र किया,जहां जनजातीय समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जनजातीय समुदाय भारत का ‘आदि समुदाय’ है, भारत की परंपरा में रचा-बसा हुआ समुदाय है, जिसने सनातन परंपरा को सदैव एक नई मजबूती प्रदान की है।
आज जनपद वाराणसी के वसंत महिला महाविद्यालय में ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन कार्यक्रम में… pic.twitter.com/I4m1rj4Zjz
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनजातीय समाज ने हमेशा भारत की विरासत और धरोहर को संरक्षित किया है. बिरसा मुंडा जैसे महान नेताओं ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का संदेश दिया, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जातियों में विभेद पैदा करने वाले तत्वों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि कुछ लोग फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने इन तत्वों को समाज से बाहर करने की आवश्यकता जताई. योगी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक आगजनी की घटना के दौरान आरोपित व्यक्ति ने भगवा गमछा पहना था,लेकिन उसके मुंह से या अल्लाह निकला था जो यह साबित करता है कि कुछ लोग समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं.
क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं… pic.twitter.com/5YsCQt5psq
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
सीएम ने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह यात्रा किसी एक जाति धर्म या सम्प्रदाय से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से भक्तिभाव से संचालित होती है. उन्होंने कुछ तत्वों द्वारा कांवड़ यात्रा को उपद्रवियों से जोड़ने की निंदा की
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने 2017 के बाद जनजातीय गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया और वहां के निवासियों को मतदान, राशन कार्ड, पेंशन और अन्य सुविधाओं से जोड़ा.उन्होंने विशेष रूप से सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर और नेपाल की तराई क्षेत्रों में जनजातीय समाज के लिए योजनाओं का लाभ पहुंचाया.
मुख्यमंत्री ने भारतीय परंपरा में जनजातीय समाज की भूमिका पर भी प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि हम पेड़ों और नदियों की पूजा करते हैं,लेकिन जनजातीय समाज ने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर वेदों की शिक्षाओं को जीवन में उतारा है. योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की परंपरा में यह कभी नहीं कहा गया कि जो मंदिर जाएगा या ग्रंथ मानेगा,वही हिंदू है. उन्होंने कहा कि जो मानेगा वह भी हिंदू है और जो नहीं मानेगा वह भी हिंदू है.