Ola-Uber : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कैब एग्रीगेटर्स जैसे उबर,ओला,इनड्राइव और रैपिडो को पीक ऑवर्स के दौरान अधिकतम किराया वसूलने की छूट दी है. सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार अब ये कंपनियां पीक ऑवर्स में बेस फेयर से दो गुना तक किराया वसूल सकेंगी. पहले ये अधिकतम 1.5 गुना था. हालांकि नॉन-पीक ऑवर्स में किराया बेस फेयर से 50% से कम नहीं हो सकता.
क्या है सरकार का नया दिशानिर्देश
सरकार ने राज्यों को इन संशोधित दिशानिर्देशों को तीन महीने के भीतर अपनाने की सलाह दी है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ट्रैफिक बढ़ने के दौरान उपभोक्ताओं को अत्यधिक बोझ न उठाना पड़े और साथ ही प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने वाली भारी छूटों पर भी लगाम लगाई जा सके. ड्राइवर द्वारा बुकिंग स्वीकार करने के बाद बिना वैध कारण के कैंसिल करने पर अब 10% किराया और अधिकतम ₹100 का जुर्माना लगाया जाएगा. जिसे यात्री और एग्रीगेटर के बीच बांटा जाएगा. वहीं यात्री द्वारा यात्रा रद्द करने पर भी इसी तरह का शुल्क लिया जाएगा.
स्वास्थ्य बीमा और टर्म इंश्योरेंस भी जरूरी
नई गाइडलाइंस के अनुसार एग्रीगेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके साथ जुड़े ड्राइवरों के पास कम से कम ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस हो. इसके साथ ही अब ऑटो-रिक्शा और बाइक टैक्सी जैसे वाहनों को भी इस नीति के दायरे में लाया गया है. राज्य सरकारें विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए बेस फेयर तय करेंगी. उदाहरण के लिए दिल्ली और मुंबई में टैक्सी का बेस फेयर ₹20-21 प्रति किलोमीटर है, जबकि पुणे में यह ₹18 है. जिन राज्यों ने बेस फेयर तय नहीं किया है, वहां एग्रीगेटरों को अपनी ओर से बेस फेयर तय कर राज्य सरकार को सूचित करना होगा.
डेड माइल दूरी के लिए कोई शुल्क नहीं
यात्रा की शुरुआत से पहले की डेड माइल दूरी के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जब तक कि यह दूरी 3 किलोमीटर से कम न हो. किराया केवल यात्रा की वास्तविक शुरुआत से गंतव्य तक ही लागू होगा. वहीं यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने निर्देश दिया है कि सभी वाहनों में व्हीकल लोकेशन एंड ट्रैकिंग डिवाइसेस (VLTDs) लगे हों और इसकी जानकारी एग्रीगेटर तथा राज्य सरकार के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ी हो.