Bihar Voter List 2025: बिहार में इन दिनों वोटर लिस्ट को लेकर एक सख्त प्रक्रिया ज़ारी हुई हैं, जिसमें बिहार में इन दिनों सख्त वोटर कार्ड के वेरिफिकेशन के लिए सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं। जिसके अनुसार अब आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और राशन कार्ड जैसे डाक्यूमेंट्स अब स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।

11 डाक्यूमेंट्स होंगे मान्य

हालांकि इस बदलाव को लेकर विपक्षी दलों ने भी सवाल खड़े किए हैं लेकिन चुनाव आयोग अपनी योजना पर टिका हुआ है। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट में नाम बनाए रखने के लिए अब सिर्फ 11 तरह के डाक्यूमेंट्स ही मान्य होंगे। अगर कोई मतदाता इनमें से कोई एक प्रमाण नहीं दे पाता है तो उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता हैं। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) इन्हीं डाक्यूमेंट्स के आधार पर मतदाताओं की पहचान और पंजीकरण कर रहे हैं।

11 मान्य डाक्यूमेंट्स

• नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी का पहचान पत्र
• जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate)
• मान्यता प्राप्त बोर्ड से शैक्षिक प्रमाण पत्र
• 1 जुलाई 1987 से पहले किसी भी सरकारी संस्था (बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि) द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र
• स्थाई निवास प्रमाण पत्र
• जाति प्रमाण पत्र
• पासपोर्ट
• वन अधिकार प्रमाण पत्र
• जाति प्रमाण पत्र
• राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)
• सरकारी कोई भूमि या मकान आवंटन का प्रमाण पत्र

साबित करनी होगी नागरिकता

इस बार वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या ठीक करने के लिए यह साबित करना जरूरी होगा कि आप भारतीय हैं। चुनाव आयोग ये इसलिए चाहता है ताकि वोटर लिस्ट से उन लोगों के नाम हट जाएं जो भारतीय नागरिक नहीं हैं। ये काम पहले बिहार में शुरू हुआ है और अब दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा।

हो रहा विवाद

इस अभियान पर बहुत से विवाद हो रहे हैं जिसमें कई पार्टियों ने यह कहा है कि पुराने डाक्यूमेंट्स अब अमान्य माने जायेंगे और इससे करीब 2 करोड़ लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह प्रक्रिया किसी को हटाने के लिए नहीं, बल्कि सही लोगों को जोड़ने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है।

 

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