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क्या होता है ई-वोटिंग ? मोबाइल से मतदान करने वाला बिहार बनेगा पहला राज्य

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  • Last Updated: June 28, 2025 09:36:17 IST

E-voting : बिहार जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां आम मतदाता अपने मोबाइल फोन के जरिए मतदान कर सकेंगे.राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को यह ऐतिहासिक घोषणा की.आयोग का यह कदम चुनावी प्रक्रिया को आधुनिक, सुगम और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

मोबाइल फोन के जरिए मतदान का पहला प्रयोग  पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण की छह नगर परिषदों में शनिवार को होने वाले मतदान से किया जाएगा. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में इस सुविधा का प्रयोग होगा या नहीं इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

किन मतदाताओं को मिलेगा लाभ?

चुनाव आयोग के अनुसार यह मोबाइल ई-वोटिंग सुविधा उन मतदाताओं के सुविधा के लिए है जो  किसी कारणवश मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते.इसमें वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं और बिहार से बाहर रह रहे मतदाता शामिल हो सकते हैं.

दीपक प्रसाद ने बताया कि इसके लिए मतदाताओं को E-SECBHR नामक एक विशेष ऐप डाउनलोड करना होगा, जो फिलहाल केवल एंड्रॉयड यूजर के लिए उपलब्ध है. इस ऐप को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) ने विकसित किया है. इसके अतिरिक्त बिहार चुनाव आयोग ने भी एक सहायक ऐप तैयार किया है.

कैसे होगी सुरक्षा की गारंटी?

ई-वोटिंग की प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए कई तकनीकी उपाय किए जा सकते हैं. एक मोबाइल नंबर से अधिकतम दो पंजीकृत मतदाता ही लॉग इन कर सकेंगे. मतदाता की पहचान की पुष्टि मतदाता पहचान पत्र, फेस मैचिंग, और बायोमेट्रिक स्कैनिंग के माध्यम से की जाएगी. इस प्रणाली में ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग होगा, जिससे डाटा में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की आशंका को खत्म किया जा सके. साथ ही वोट की एक ऑडिट ट्रेल भी बनाई जाएगी जो VVPAT मशीन की तरह काम करेगी.

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दीपक प्रसाद ने यह भी बताया कि जिन मतदाताओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, वे बिहार चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करके भी ई-वोट डाल सकते हैं.

पंजीकरण और जागरूकता अभियान

इस योजना के तहत अब तक लगभग 10,000 मतदाता ई-वोटिंग सिस्टम में पंजीकरण करा चुके हैं. चुनाव आयोग को उम्मीद है कि आगामी चरणों में 50,000 से अधिक मतदाता इस तकनीक के माध्यम से वोट डालेंगे. मतदाताओं को इस नई प्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए 10 से 22 जून तक राज्य भर में जागरूकता अभियान भी चलाया गया.

चुनाव आयुक्त प्रसाद ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, वह भी पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से. तकनीक का उपयोग करके हम लोकतंत्र को और अधिक समावेशी और सशक्त बना सकते हैं.