Ghaziabad News : गुजरात में हुए दर्दनाक पुल हादसे में अभी तक लगभग 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस त्रासदी ने देशभर में नदियों और सड़कों पर बने पुलों और फ्लाईओवरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी संदर्भ में न्यूज इंडिया की टीम ने गाजियाबाद के दिल्ली गेट पर स्थित फ्लाईओवर का रियलिटी चेक किया है। यह पुल ‘मौत के पुल’ के नाम से कुख्यात है और इसकी स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। इस पुल से कई लोग सफर कर रहे हैं इसके बावजूद भी अधिकारियों को किसी चीज की कोई फिक्र नहीं हैं। इससे मानों ऐसा लग रहा हो जैसे वह किसी हादसे का इंतजार रहे हैं।
दिल्ली गेट फ्लाईओवर की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि शासन द्वारा पहले ही इस फ्लाईओवर को तोड़ने का आदेश जारी किया जा चुका है। फिर भी यह आदेश केवल कागजों में सिमटकर रह गया है और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। गुजरात के पुल हादसे के बाद यह सवाल और भी प्रासंगिक हो गया है कि गाजियाबाद जिला प्रशासन इस घटना से कोई सबक लेगा या फिर किसी नई दुर्घटना का इंतजार करेगा। जनता की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों और यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की संरचनाओं के साथ खिलवाड़ जनता की जान के साथ खिलवाड़ है। आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें और इस खतरनाक फ्लाईओवर को नष्ट करने के आदेश को जमीनी स्तर पर लागू करें। गुजरात की घटना एक चेतावनी है कि ऐसी लापरवाही की कीमत बहुत भारी हो सकती है।
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