Ghaziabad News : गाजियाबाद में एक लेखपाल सुभाष मीणा की निलंबन के बाद जहर खाने से मौत का मामला सामने आया है। सुभाष मीणा की इलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई। इस घटना ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त और डीआईजी को इस मामले की गहन जांच सौंपी गई है।
जानकारी के अनुसार, सुभाष मीणा को एक किसान की शिकायत के आधार पर गाजियाबाद के डीएम अभिषेक पांडेय ने निलंबित किया था। किसान ने आरोप लगाया था कि सुभाष मीणा और उनके सहायक ने एक मामले को निपटाने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस शिकायत के बाद डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुभाष को निलंबित कर दिया और उनके सहायक के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।
सुभाष मीणा के निलंबन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसान की शिकायत के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं थे, फिर भी डीएम ने कार्रवाई कर दी। निलंबन के बाद सुभाष मीणा मानसिक रूप से परेशान थे और कई दिनों से भटक रहे थे। उनकी इस हालत ने उनके सहकर्मियों और परिवार को भी सदमे में डाल दिया। मुख्यमंत्री के आदेश पर मंडलायुक्त और डीआईजी इस मामले की जांच करेंगे। जांच में यह स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी कि क्या डीएम की कार्रवाई उचित थी या इसमें कोई जल्दबाजी हुई। साथ ही, किसान की शिकायत और रिश्वत के आरोपों की सत्यता भी जांच के दायरे में होगी।
सुभाष मीणा के रिटायरमेंट में मात्र 8 माह बाकी थे। इस घटना ने उनके परिवार और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया। लेखपाल यूनियन ने डीएम के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। सहकर्मियों का कहना है कि बिना पुख्ता सबूत के निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई अन्यायपूर्ण थी, जिसके चलते सुभाष ने यह आत्मघाती कदम उठाया।