Safe City Project: दिल्ली में क्राइम को कंट्रोल करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अब सेफ सिटी परियोजना के तहत एआई से चलने वाले 3500 से ज्यादा कैमरे, गनशॉट सेंसर और अलर्ट सिस्टम लगाए जाएंगे। इसका मकसद अपराध में रोकथाम तो है ही साथ ही पुलिस की प्रणाली में बदलाव लाना भी है।
शनिवार को एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना के पहले चरण के तहत एक अक्टूबर से ये उपकरण लगाए जाएंगे। जिसका मकसद दिल्ली में (Safe City Project) पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव लाना है। अधिकारी ने बताया कि यह प्रणाली AI वीडियो एनालिटिक्स से लैस गोलीबारी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, वाहन चोरी और लावारिस वस्तुएं मिलने जैसी घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी करेगी।
बता दें, 31 दिसंबर 2022 की रात को कंझावला में हुई भयावह घटना के लगभग दो साल बाद ये कदम उठाया गया है। इस घटना में 20 साल की लड़की को एक कार ने लगभग 12 किमी तक घसीटा था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। वहीं इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बाद शहर में निगरानी की खामियों की बड़े स्तर पर समीक्षा की गई थी।
पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, कंझावाला मामले के बाद गृह मंत्रालय ने संवेदनशील इलाकों का ऑडिट करने का निर्देश दिया था। जहां पाया कि लगभग 10 हजार अतिरिक्त कैमरों की जरूरत है। अब यह परियोजना विभिन्न चरणों में लागू की जा रही है। सबसे पहले ज्यादा जोखिम और घनी आबादी वाले इलाकों में काम किया जाएगा।
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अधिकारी के मुताबिक, पहले चरण में कुल 3500 कैमरे (Safe City Project) लगाए जाएंगे। इनमें बुलेट कैमरे, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR)कैमरे, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS)कैमरे और पैन-टिल्ट-जूम यानी (PTZ)कैमरे शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस परियोजना में 200 गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम और 300 पब्लिक एड्रेस सिस्टम शामिल हैं।
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