Bihar congress announced job fair : बिहार की राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश में लगी कांग्रेस अब युवाओं के कंधे पर सवार होने की कोशिश कर रही है. दरअसल 19 जुलाई को ज्ञान भवन पटना में युवा कांग्रेस एक बड़ा रोजगार मेला आयोजित करने जा रही हैं. इसको लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके हिसाब से मेले में कुल 120 कंपनियां भाग लेने जा रही है. जो 12वीं, स्नातक, इंजीनियर और आईटी के साथ-साथ दूसरे प्रोफेशनल डिग्री धारकों को रोजगार हासिल करने का मौका देगी. जिसका फायदा राज्य के बेरोजगार युवाओं को मिलेगा.
कांग्रेस की इस आयोजन को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी अब राज्य में अपने पैर जमाने की कोशिश में आरजेडी की राजनीति का सहारा ले रही है. दरअसल रोजगार को मुद्दा बना कर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 2020 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी को और मजबूत बनाई थी. उन्होंने 2020 के चुनाव में भी 10 लाख नौकरी का वादा किया था और युवाओं को बड़ी उम्मीदें दे दी थी.
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अब जब कांग्रेस ने अकेले ही रोजगार मेला आयोजित किया है, तो अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस तेजस्वी यादव के एजेंडे को अकेले ही आगे बढ़ाना चाहती है या फिर यह मेला कांग्रेस की ओर से अपनी रियासत को मजबूत करने का एक दांव हैं.
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने यह कहा कि यह कांग्रेस की कोई अलग योजना नहीं है, बल्कि यह महागठबंधन की सोची समझी योजना का हिस्सा है जिसे तेजस्वी यादव ने शुरू किया था. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि यह संयुक्त परिवार की तरह है. खेत में बीज कौन डाल रहा है इससे फर्क नहीं पड़ता, फसल तो पूरे परिवार के लिए उगाई जा रही है और यह मेला कांग्रेस या आरजेडी नहीं, बल्कि हम सब मिलकर युवाओं के रोजगार के लिए लगा रहे हैं.
हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि कांग्रेस इस मेले के ज़रिए अपने आप को मजबूत कर रही हैं और युवाओं को आकर्षित कर अपना अलग वोट बैंक तैयार कर रही हैं. जिस तरह से कांग्रेस ने खुद ही आयोजन की घोषणा की उससे तो ये साफ-साफ पता चल रहा हैं कि पार्टी गठबंधन में अपनी राजनीतिक सियासत को लेकर गंभीर हो चुकी हैं.