HIMACHAL MONSOON DISASTER : पिछले 15 दिनों से हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने कहर बरपाया है.जारी जानकारी के अनुसार 20 जून से 3 जुलाई के बीच कम से कम 69 लोगों की मौत हो गई और 400 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है.वहीं कई लोग लापता है.सेना,स्थानीय पुलिस,आपदा प्रतिक्रिया बल और केंद्रीय एजेंसियां द्वारा बचाव और राहत कार्य जारी है.

IMD ने जारी किया अलर्ट

हालात को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई तक भारी वर्षा और संभावित भूस्खलन की चेतावनी जारी की है. मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर में 250 सड़कें बंद हैं,500 से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं और लगभग 700 पेयजल योजनाएं बाधित हैं, जिससे बुनियादी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

अनुमान लगाया जा रहा है कि वास्तविक नुकसान और भी अधिक हो सकता है राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राजस्व विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने मीडिया को बताया कि आधिकारिक तौर पर दर्ज नुकसान करीब 400 करोड़ रुपये है, लेकिन वास्तविक नुकसान इससे कहीं ज़्यादा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अभी हमारा मुख्य ध्यान खोज, बचाव और बहाली पर है.विस्तृत नुकसान का आकलन करने में अभी और समय लगेगा.

जलवायु परिवर्तन का व्यापक प्रभाव

डीसी राणा ने कहा वरिष्ठ सरकारी इंजीनियरों और अधिकारियों को मंडी में तैनात किया गया है,जहां प्रमुख बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो गया है और संचार लाइनें ठप हो गई हैं. बिजली पानी की आपूर्ति और सड़कों की बहाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. जलवायु परिवर्तन पहाड़ों को भी प्रभावित कर रहा है. अधिकारियों ने हिमाचल की नाजुक पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभाव की ओर भी ध्यान दिलाया.

अधिकारियों का कहना है कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियों राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय महत्वपूर्ण है क्योंकि वे सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं.