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भाषा विवाद को लेकर सड़कों पर उतरे मनसे कार्यकर्ता, शिंदे के मंत्री को भी दौड़ाया

Mumbai News
inkhbar News
  • Last Updated: July 8, 2025 17:07:04 IST

Mumbai News: कभी बाला साहेब की शिवसेना का मुंबई पर एकछत्र राज हुआ करता था। मंगलवार को मराठी विरोध के नाम पर जब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे तो मनसे में नई जान नजर आई। सालों से कमजोर पड़ा यह संगठन अब मराठी के नाम पर खुद को मजबूत करने में जुटा हुआ है और इसीलिए मंगलवार को मीरा रोड पर पार्टी ने अपनी ताकत दिखाई। इतना ही नहीं, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एकसाथ एक मंच पर आने के बाद ज मनसे कार्यकर्ता सड़क पर उतरे तो शिवसेना के कार्यकर्ता भी साथ नजर आए।

मराठी संगठनोंं ने भी किया समर्थन

मराठी विरोध के नाम पर मनसे और उद्धव गुट की शिवसेना के अलावा कई मराठी संगठनों ने भी इसका समर्थन किया। उसके बाद भारी तादाद में जुटे कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरअसल, मीरा भायंदर में सुबह से ही पुलिस का सख्त पहरा था और मनसे के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा था। जिससे गुस्सा और भड़क गया।

बंदिशों के बावजूद सड़कों पर उमड़ा हुजूम

बड़ी बात तो यह है कि पुलिस-प्रशासन ने तमाम बंदिशें लगाईं उसके बावजूद मराठी (Mumbai News) अस्मिता के नाम पर हजारों लोग सड़क पर उतरे। लोगों का कहना था कि जब प्रवासी व्यापारियों को प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा सकती है, तो फिर हमें मौका क्यों नहीं दिया जा सकता।

मराठी न बोलने पर एक व्यापारी की कर दी थी पिटाई

बता दें, कुछ दिन पहले मनसे एक नेता अविनाश जाधव और उनके साथियों ने फूड स्टॉल के मालिक को मराठी न बोलने पर पीटा था। मामले में अविनाश जाधव को सोमवार को जब पुलिस ने हिरासत में लिया तो व्यापारियों ने प्रदर्शन किया था। मनसे के लोगों ने पुलिस पर व्यापारियों के दबाव में मराठियों का आरोप था कि पुलिस व्यापारियों के दबाव में मराठियों को उनकी ही धरती पर परेशान कर रही है।

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वहीं, घटना के विरोध में मनसे कार्यकर्ताओं ने ठाणे के मीरा भायंदर इलाके में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के बैनर तले रैली के आयोजन का ऐलान किया था। जिसमें एकनाथ शिंदे के नेता और क्षेत्रीय विधायक प्रताप सरनाइक (Mumbai News) भी हिस्सा लेने पहुंचे थे। जहां लोगों ने उन्हें दौड़ा लिया और उन पर बोतलें फेंकीं। विधायक पर हमले से राजनीति और गरमा गई है। जब रैली को ही रोकने का विरोध हुआ तो सीएम फडणवीस ने खुद सफाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा,’रैली आयोजित करने का कोई विरोध नहीं है। जिस मार्ग के लिए अनुमति मांगी गई थी उसके लिए मंजूरी देना मुश्किल था। पुलिस ने उनसे मार्ग बदलने का अनुरोध किया, लेकिन आयोजक एक खास मार्ग पर रैली आयोजित करने पर अड़े रहे।’

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