नई दिल्ली। इजरायल से जंग के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई अकेले पड़े गए हैं। ईरान के पुराने दोस्त माने जाने वाले संगठन हिजबुल्लाह ने उसका साथ छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि लेबनानी सरकार के दबाव और इजरायल के हमले के डर की वजह से हिजबुल्लाह ने ईरान का साथ देने से इनकार कर दिया है।
ईरान पर इजरायली सेना के हमले के बाद लेबनान की सरकार ने हिजबुल्लाह को चेतावनी दी है कि वो देश को युद्ध में न झोंके। लेबनानी सरकार ने हिजबुल्लाह से कहा कि ईरान के समर्थन में इजरायल पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
लेबनान की सरकार ने कहा कि अब वो वक्त चला गया है कि जब हिजबुल्लाह खुद से निर्णय लेकर पूरे देश को युद्ध में झोंक देता था। अगर हिजबुल्लाह ने इजरायल पर कोई हमला किया तो उसका खामियाजा पूरा देश भुगतेगा।
बता दें कि हिजबुल्लाह की ओर से हमले की आशंका के चलते इजरायल की सेना पहले से ही अलर्ट पर है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के लड़ाकू विमान लेबनान पर एयर स्ट्राइक की तैयारी कर चुके हैं। इजरायल की तैयारी देख लेबनान की सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
बता दें कि इजरायल-ईरान संकट पर हिजबुल्लाह ने चुप्पी साधी हुई है। हालिया वर्षों में यह पहली बार है कि हिजबुल्लाह ऐसे तनाव के वक्त बिल्कुल शांत है। फिलहाल लेबनानी सरकार की चेतावनी पर हिजबुल्लाह की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अगर इजरायल और ईरान में सीधी जंग होती है तो हिजबुल्लाह क्या फैसला करता है।