बेंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बेंगलुरु में हुई भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। राज्य सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट में कहा कि आरसीबी की जीत के जश्न के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी। इवेंट के आयोजकों ने बिना किसी परमिशन के पूरी दुनिया को आयोजन में बुला लिया था।
गिरफ्तार हुए आरोपी पहुंचे हाईकोर्ट
भगदड़ मामले में गिरफ्तार हुए RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले और चार अन्य लोगों ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। उन्होंने गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी से कैसे बचे
निखिल सोसले ने हाईकोर्ट में पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि भगदड़ रोक पाने में नाकाम रहने वाले पुलिस अधिकारियों को सिर्फ सस्पेंड किया गया, वो गिरफ्तार नहीं हुए। लेकिन मुझे और मेरे साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसा क्यों हुआ।
कर्नाटक सरकार ने क्या आरोप लगाए
वहीं कर्नाटक सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कहा कि आरसीबी ने 29 मई को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच जीतकर फाइनल में एंट्री कर ली थी। इसके बावजूद उन्होंने विक्ट्री परेड या चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले जश्न को लेकर कोई भी अनुमति नहीं ली।
एडवोकेट जनरल शेट्टी ने कहा कि 3 जून को, आईपीएल का फाइनल शुरू होने से महज एक घंटे पहले आरसीबी ने हमें एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि अगर वो फाइनल जीते तो विक्ट्री परेड आयोजित करेंगे। पत्र में आरसीबी का मैनेजमेंट परेड की अनुमति नहीं मांग रहा था, वो लोग सिर्फ अपने प्लान की जानकारी दे रहे थे।
बेंगलुरु भगदड़ में मारे गए थे 11 लोग
बता दें कि 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई थी। इसमें 11 लोगों की जान चली गई थी, साथ ही 33 लोग घायल भी हुए थे। यहां आरसीबी का जश्न देखने के लिए 3 लाख से ज्यादा क्रिकेट फैंस स्टेडियम के बाहर पहुंच हुए थे।