Himanta Biswa Sarma : असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को युवा कांग्रेस और संविधान की प्रस्तावना को लेकर बड़े बयान दिए.इस दौरान उन्होंने पहले असम युवा कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया और फिर मीडिया पर भी सवाल खड़े किए.मुख्यमंत्री ने संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद हटाने के लिए चर्चा को लेकर भी RSS का समर्थन करते दिखे.
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि असम युवा कांग्रेस का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट सऊदी अरब से संचालित किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है.उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा इतना बड़ा मामला सामने आया है,तब मीडिया का ध्यान केवल गायों की तरफ क्यों है?
असम युवा कांग्रेस का Facebook Account सऊदी अरब से संचालित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों पर हम सभी को अधिक सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। pic.twitter.com/fbamMFKyF9
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 28, 2025
यह बयान उस समय आया जब एक स्थानीय पत्रकार ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि राज्य सरकार ने मंत्री जयंता मल्ला बरुआ की पत्नी के डेयरी फार्म को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी है,वहीं गुजरात से लाई गई 300 गीर नस्ल की गायों में से 90 गायें रास्ते में गायब हो गईं. रिपोर्ट्स के अनुसार ये गायें कथित तौर पर मंत्री की पत्नी के फार्म और कुछ अन्य लोगों के पास पाई गईं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “आप लोग केवल गायों के पीछे पड़े हैं,लेकिन जब देश की सुरक्षा से जुड़ी बातें होती हैं,तब आप चुप हो जाते हैं.
गुवाहाटी स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP)मुख्यालय में The Emergency Diaries: Years That Forged a Leader पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि यह समय है जब ‘आपातकाल की विरासत’ को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में शामिल धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के शब्द इंदिरा गांधी द्वारा 1976 में आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे और ये भारतीय विचारधारा के अनुरूप नहीं हैं.
My comments on the Preamble of the Constitution which was tinkered with during Emergency. pic.twitter.com/dPhMH4ALcW
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 28, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय अवधारणा सर्वधर्म समभाव के खिलाफ है. हमारा आर्थिक दृष्टिकोण कभी भी समाजवादी नहीं रहा, हम सदैव सर्वोदय और अंत्योदय की भावना से प्रेरित रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस प्रयास की भी सराहना की जिसमें वे औपनिवेशिक शासन की विरासतों को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. सरमा ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार संविधान की प्रस्तावना से इन शब्दों को हटाने पर विचार करे.