नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की धरती से पाकिस्तान समेत दुनिया को फिर से आतंकवाद पर सख्त मैसेज दिया है। भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से इंकार कर दिया। इसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था। भारत ने साफ़ शब्दों में कहा है कि SCO का जॉइंट स्टेटमेंट आतंकवाद के खिलाफ मजबूत स्टैंड क्लियर नहीं कर रहा। इसमें पहलगाम हमले का जिक्र तक नहीं किया गया है जबकि बलूचिस्तान का उल्लेख है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से नहीं की बात
इसमें कहा गया है कि भारत बलूचिस्तान में सांकेतिक रूप से अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है। भारत के साइन न करने की वजह से बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका। राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी समकक्ष ख्वाजा आसिफ से बात नहीं की। इससे पहले रक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद और शांति साथ में नहीं चल सकते हैं। किसी तरह की आतंकी घटना को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। पहलगाम में आतंकियों ने कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया, इसके लिए हमने उन्हें करारा जवाब दिया है।
लश्कर हमले जैसा था पैटर्न
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का पैटर्न भारत में लश्कर के पिछले आतंकी हमलों से मेल खाता है। आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने 7 मई 2025 को सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक शुरू किया।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन?
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी। इसका उद्देश्य सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है। वर्तमान में इसमें 10 सदस्य देश हैं- चीन, भारत, रूस, बेलारूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजीकिस्तान और उज्बेकिस्तान .
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