Rules Change: आज यानि 1 जुलाई से 6 बड़े बदलाव हो रहे हैं। आज से ट्रेन में सफर करना महंगा हो गया है। 19 किलो वाला कॉमर्शियल गैस सिलेंडर 58.50 रुपये सस्ता हो गया है। आयकर रिटर्न भरने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। ऐसे में आइये जानते हैं इन बदले हुए नियमों के बारे में, जिसका आपके जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।
रेलवे का सफर पड़ेगा महंगा-
आज से ट्रेनों में नॉन एसी और एसी दोनों के टिकटों के दाम बढ़ जाएंगे। ये वृद्धि 1,000 किमी से ज्यादा दूरी की यात्रा पर लागू होगी। अगर यात्रा 500 किलोमीटर के लिए है तो फिर कीमतों में बदलाव नहीं होगा। गैर-एसी टिकट की कीमत में प्रति किलोमीटर एक पैसा और एसी श्रेणी में प्रति किलोमीटर दो पैसे की वृद्धि की गई है। रेलवे ने बढ़ते खर्च और मेंटेनेंस की लागत को देखकर यह फैसला लिया है।
बिना आधार के नहीं मिलेगा तत्काल टिकट
अब तत्काल टिकट सिर्फ उन्हीं यात्रियों को मिलेंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक होगा। जुलाई से OTP आधारित प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा, जो आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा। तत्काल बुकिंग शुरू होने के शुरुआती 30 मिनट तक रेलवे एजेंट टिकट बुक नहीं कर सकेंगे।
बिना आधार नहीं बनेगा पैन कार्ड
पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा। अगर आपके पास आधार नहीं है तो आप पैन कार्ड नहीं बनवा पाएंगे। जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें भी 31 दिसंबर 2025 तक पैन को आधार से लिंक करना होगा। ऐसा नहीं करने पर 1 जनवरी 2026 से पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
UPI ट्रांजैक्शन के समय असली रिसीवर का दिखेगा नाम
NPCI ने एक नया नियम लागू किया है जिसके तहत UPI पेमेंट करते समय यूजर को सिर्फ़ अंतिम लाभार्थी यानी असली रिसीवर का बैंकिंग नाम ही दिखाई देगा। QR कोड या एडिट किए गए नाम अब दिखाई नहीं देंगे। सभी UPI ऐप्स को 30 जून तक इस नियम को लागू करने को कहा गया था। .
कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम घटे
आज से 19 किलो वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर 58.50 रुपये सस्ता हो गया है। दिल्ली में इसकी कीमत घटकर 1665 रुपये हो गई है। पहले यह ₹1723.50 में मिल रहा था। मुंबई में यह ₹58 की गिरावट के साथ ₹1616.50 में मिल रहा है, पहले इसकी कीमत ₹1674.50 थी।
GST रिटर्न की प्रक्रिया में संशोधन
जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी या गलती पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जीएसटीआर-3बी फॉर्म बिना संशोधन वाला होगा। यानी इसमें टैक्स का ब्योरा जीएसटीआर-1, 1ए से अपने आप भर दिया जाएगा और करदाता खुद उसमें संशोधन नहीं कर सकेंगे। यह बदलाव कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।