नई दिल्ली। ईरान पर अमेरिका हमला करने जा रहा है, इसकी जानकारी इजरायल के साथ-साथ तुर्किये को भी थी। दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्किये के प्रेसिडेंट एर्दोगन को फोन कर जानकारी दे दी थी कि अमेरिका ईरान के न्यूक्लियर साइट पर बम गिराने जा रहा है।

ट्रंप-एर्दोगन की दो बार हुई बात

रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन चाहते थे कि ईरान और अमेरिका तुर्किए में समझौता करें। एर्दोगन ने इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति को फोन भी किया था। ट्रंप भी इस पर राजी हो गए थे, उन्होंने एर्दोगन से कहा कि अगर ईरान राजी है तो इंस्ताबुल में बैठक करा लीजिए।

लेकिन इस समझौते वाली बैठक के लिए ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अमेरिका की शर्तों पर हम कोई बात नहीं करेंगे। ईरान के मना करने पर एर्दोगन ने फिर से ट्रंप को फोन किया और खामनेई का फैसला बताया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर बी-2 बम से हमला करने का निर्देश दिया।

अमेरिका ने ईरान में बरसाए बम

इससे पहले कल यानी 22 जून को ईरान के खिलाफ जंग में अब अमेरिका भी कूद गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर हमले की जानकारी देते हुए कहा कि कहा हमने ईरान में स्थित तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सीधा और सफल हमला किया है।