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भगवान की शरण में यूपी का माफिया डॉन! जे.जे. शूटआउट का आरोपी बृजेश सिंह बना जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष

Brijesh Singh
inkhbar News
  • Last Updated: June 28, 2025 11:30:50 IST

लखनऊ। 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख़्तार से अदावत करने वाले यूपी के माफिया डॉन बृजेश सिंह उर्फ़ अरुण अब धार्मिक बन गए हैं। उन्हें काशी जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। मुंबई जे.जे. शूटआउट के आरोपी बृजेश सिंह भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा और काशी में लगे लक्खा मेला की सुरक्षा प्रबंध देख रहे हैं।

कैसे धार्मिक बने बृजेश सिंह

मालूम हो कि गुरुवार 27 जून से काशी में 225 साल पुराने लक्खा मेले की शुरुआत हुई। मेला 29 जून तक चलेगी। 30 से भी ज्यादा आपराधिक मामले के आरोपी बृजेश सिंह को इसका ट्रस्टी बनाया गया है। पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने खुद के ट्रस्टी बनाए जाने पर कहा कि जब मेरे पर संकट आया तो धर्म ने ही मुझे सहारा दिया। एकांत में मैंने खुद को जानने की कोशिश की तो पाया धीरे-धीरे मन शांत होते जा रहा है। हालांकि उन्होंने अपने पुराने इतिहास पर बात करने से मना कर दिया।

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इन एक्ट के तहत मामला था दर्ज

बृजेश सिंह उर्फ़ अरुण तीन दशक तक आपराधिक जीवन में लिप्त रहे। 30 से ज़्यादा संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल
ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐक्ट, टाडा यानी टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज एक्ट व गैंगस्टर एक्ट के तहत हत्या, हत्या की कोशिश, साजिश रचने, दंगा भड़काने, जबरन वसूली जैसे मुकदमे हो चुके हैं। एक समय इनके खिलाफ यूपी पुलिस ने 5 लाख तक का इनाम भी रखा था। बाद में गवाहों के पलट जाने, वकीलों की कमजोर पैरबी की वजह से कई बड़े मुकदमों से बरी हो गए।

दाऊद से दोस्ती और मुख़्तार से दुश्मनी

बृजेश सिंह ने साल 1992 में दाऊद इब्राहीम के कहने पर मुंबई में जे. जे. अस्पताल में गोलीबारी की थी। अस्पताल के बिस्तर पर सोये शैलेश हलदरकर को गोलियों से छलनी कर दिया था। इस घटना के बाद उनपर टाडा लगाया गया था। बृजेश सिंह और माफिया मुख़्तार के बीच की अदावत भी किसी से छुपी नहीं है। एक समय दोनों पूर्वांचल के बड़े माफिया के साथ-साथ दुश्मन नंबर एक भी थे। साल 2001 में बृजेश सिंह ने मुख़्तार अंसारी पर हमला कराया था, जिसमें मुख़्तार के दो गनर की मौत हो गई थी। अपना दबदबा बनाये रखने के लिए बृजेश सिंह ने तत्कालीन विधायक नित्यानंद राय से दोस्ती बढ़ाई। साल 2002 में नित्यानंद राय मुख़्तार के भाई अफजल अंसारी को चुनाव में हरा देते हैं। बदला लेने के लिए मुख़्तार गैंग नित्यानंद राय की हत्या कर देता है। बृजेश सिंह अंडरग्राउंड हो जाते हैं।

 

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