देश

आखिर दलाई लामा को तिब्बत छोड़कर क्यों आना पड़ा था भारत?

Why the Dalai Lama Left Tibet: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा 90 साल के हो गए हैं। हिमाचल के धर्मशाला में रह रहे दलाई लामा का असली नाम ल्हामो धोन्डुप था। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सर गांव में हुआ था। जब सिर्फ 2 साल के थे उन्हें 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म मान लिया गया। दलाई लामा युवावस्था में ही तिब्बत छोड़कर भारत आ गए। पढ़िए आखिर क्यों आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को तिब्बत छोड़कर भारत में शरण लेना पड़ा?

जब भारत पहुंचे दलाई लामा

22 फरवरी 1940 को ल्हासा में पारंपरिक धार्मिक और राजनीतिक अनुष्ठानों के बाद दलाई लामा को तिब्बत का सर्वोच्च नेता घोषत किया गया। 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला कर दिया था, तब 15 वर्षीय दलाई लामा को राजनीतिक जिम्मेदारी लेनी पड़ी। मार्च 1959 में तिब्बत ने बुरा दौर देखा। चीन के खिलाफ उठे राष्ट्रीय विद्रोह को चीनी सैनिकों ने निर्दयता से दबा दिया। चीन दलाई लामा का अपहरण करना चाहती थी। रातों रात 80 हजार से अधिक तिब्बती शरणार्थियों को लेकर दलाई लामा भारत आ गए।

आत्मकथा में चीन का निर्दयी चेहरा

तब भारत सरकार ने उन्हें हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहने के लिए जगह दी। यहीं से बैठे-बैठे उन्होंने तिब्बती निर्वासित सरकार की स्थापना की है। दलाई लामा अपनी आत्मकथा My Land My People में लिखते हैं कि तिब्बत में स्थितियां बेहद ख़राब हो चुकी थी। चीनी हस्तक्षेप ज्यादा बढ़ गया था। चीन दलाई लामा को अकेले कार्यक्रम में बुलाना चाहता था, ताकि अपहरण कर सके। उनके साथ किसी तिब्बती अंगरक्षक या सिपाही को भी आने की अनुमति नहीं दी गई थी।

महल उड़ाना चाहता था चीन

तिब्बत के पूर्वी प्रांतों में लामाओं की हत्या हो रही थी। चीन ने दलाई लामा के महल पर गोले बरसाने की तैयारी कर ली। उनकी जान को खतरा था। चीन ने उनके महल पर मोर्टार भी बरसाए थे। दलाई लामा अपनी किताब में लिखते हैं कि मुझे अपने जान की चिंता नहीं थी। लेकिन तिब्बत के लोगों के लिए दलाई लामा उनके जीवन का प्रतीक है। मुझे तिब्बत छोड़ना पड़ा क्योंकि रक्तपात न हो।

भारत को मानते हैं गुरु का देश

1959 से भारत में रह रहे दलाई लामा यहीं से दुनिया को शांति का संदेश दे रहे हैं। 1989 में शांति, अहिंसा और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक मानते हुए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया। भारत को सांस्कृतिक घर मानते हैं। दलाई लामा कहते हैं कि मेरे शरीर को पोषण भारत के अन्न से मिला है। भारत में मेरे लिए सिर्फ एक शरणस्थली नहीं है बल्कि मेरे गुरु का देश है।

 

दलाई लामा को पीएम मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई, अमेरिका ने भी भेजा संदेश

Lalit Pandit

ललित पंडित 07 वर्षों से जनहित में पत्रकारिता कर रहे है। ललित पंडित के द्वारा प्रमुखतः जनपद गौतमबुद्धनगर में जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया गया है। जनता की आवाज को अधिकारियों तक पहुँचा कर न्याय दिलाने में ललित पंडित के द्वारा मुख्य भूमिका निभाई गयी है। ललित पंडित के द्वारा मुख्यतः अपराध से संबंधित खबरें कवर कर पीड़ितों को न्याय दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई है। ललित पंडित ने अपना पत्रकारिता कैरियर 2014 में चैनल वन न्यूज़ के साथ शुरू किया। सन 2017 में ललित पंडित पंजाब केसरी के साथ जुड़े व गौतमबुद्धनगर संवाददाता के रूप में सेवाएं दी। सन 2019 में ललित पंडित ने प्रतिष्टित नेशनल न्यूज चैनल टीवी9 भारतवर्ष जॉइन किया। 2020 से ललित पंडित न्यूज़1 इंडिया के साथ गौतमबुद्धनगर वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर कार्यरत रहे हैं। वर्तमान में ललित पंडित न्यूज़ इंडिया 24x7 में कार्यरत हैं।

Recent Posts

दिल का दौरा क्यों आता है? जानिए 7 बड़ी वजहें और बचाव के आसान तरीके!

आज के समय में दिल का दौरा (Heart Attack) आम हो गया है, इस गंभीर…

3 minutes ago

निर्माणाधीन साइटों में पर चोरी की पकड़े जाने पर नोएडा पुलिस पर चला दी गोली, मुठभेड़ में अरेस्ट

 Noida police Encounter : फेस-2 थाना क्षेत्र में आज नोएडा पुलिस (Noida Police) और निर्माणाधीन…

18 minutes ago

दिल्ली के स्कूलों को मिल रही बम धमकियों से मचा हड़कंप…

बीते कुछ दिनों से लगातार स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं।…

47 minutes ago

दिल्ली में सूरज और बादलों की जुगलबंदी! आज कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?

आज का मौसम गर्म और थोड़ा उमस भरा ।आज यानी शुक्रवार को तापमान उनके लिए…

2 hours ago

18 जुलाई राशिफल: नौकरी, प्रेम और धन के योग… कैसा रहेगा आज का दिन आपके लिए

आज यानी 18 जुलाई, शुक्रवार का दिन है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आज…

2 hours ago

“जेल में होने वाला कठोर व्यवहार और…”, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जताई बड़ी आशंका

Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। जहां…

13 hours ago