नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लिया।इसका आयोजन चीन के पोर्ट सिटी क़िंगदाओ में किया गया है। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और शांति साथ में नहीं चल सकते हैं। किसी तरह की आतंकी घटना को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। पहलगाम में आतंकियों ने कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया, इसके लिए हमने उन्हें करारा जवाब दिया है।

लश्कर हमले जैसा था पैटर्न

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का पैटर्न भारत में लश्कर के पिछले आतंकी हमलों से मेल खाता है। आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने 7 मई 2025 को सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक शुरू किया।

एकजुट होना होगा

हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं। इन समस्याओं का मूल कारण कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में वृद्धि है। शांति और समृद्धि आतंकवाद और गैर-राज्य अभिनेताओं और आतंकवादी समूहों के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के साथ-साथ नहीं रह सकती। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा और संरक्षा के लिए इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।

आतंकियों को देते हैं पनाह

राजनाथ सिंह ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए हुए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीतिगत हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

 

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