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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बड़ा सर्च ऑपरेशन : अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश में 400 संदिग्धों की पहचान

Noida police search operation in search of illegal Bangladeshi citizens
inkhbar News
  • Last Updated: July 15, 2025 13:56:49 IST

Noida News : गौतमबुद्ध नगर पुलिस ( Noida Police) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश के लिए हाल ही में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया है। इस अभियान के दौरान पुलिस ने 4,000 से अधिक लोगों का वेरिफिकेशन किया, जिसमें से 400 से ज्यादा लोग संदिग्ध पाए गए।

200 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट भेजी

जानकारी के मुताबिक, इन संदिग्धों का डेटा संबंधित देशों के जिला प्रशासन को भेजा गया है, जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं। नोएडा जोन के डीसीपी यमुना प्रसाद ने जानकारी दी कि वेरिफिकेशन के लिए 400 से अधिक मामलों को आगे बढ़ाया गया है और अब तक 200 से अधिक लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी भी व्यक्ति के रोहिंग्या या बांग्लादेशी नागरिक के रूप में पुष्टि नहीं हुई है।

सलारपुर से पकड़े गए थे 11 अवैध बांग्लादेशी नागरिक

बीते फरवरी में थाना सेक्टर-39 पुलिस ने सलारपुर इलाके में एक घर पर छापा मारा था। यह मकान सुमित भाटी नामक व्यक्ति का था। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वहां कुछ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। छापेमारी के दौरान तीन लोग भागने की कोशिश में छत से कूद पड़े, हालांकि पुलिस ने घेराबंदी कर 11 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ लिया। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके अलावा जिले के अन्य थानों ने भी एक-एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया है।

केंद्र सरकार के आदेश के बाद शुरू हुई पड़ताल

केंद्र सरकार द्वारा सभी जिलों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) और पुलिस की टीमें सक्रिय हो गईं। इन टीमों ने संदिग्ध लोगों के घर जाकर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों की जांच की। साथ ही, स्थानीय निवासियों से बातचीत कर संदिग्धों की जानकारी एकत्र की गई। टीमों ने ऐसे 400 से अधिक लोगों को चिह्नित किया है जिनके दस्तावेजों की सत्यता संदिग्ध लग रही है। अब इन लोगों का वेरिफिकेशन उनके मूल जिलों से कराया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि उनके पास मौजूद दस्तावेज असली हैं या फर्जी।

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