New Delhi : ओडिशा राज्य में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। राज्य सरकार ने IAS अधिकारी धीमान चकमा को तुरंत सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब विजिलेंस विभाग ने उन्हें 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।

घर से मिला लाखों का केस

धीमान चकमा 2021 बैच के IAS अधिकारी हैं और धरमगढ़ में उप-कलेक्टर के पद पर काम कर रहे थे। जब विजिलेंस की टीम ने उनके घर की तलाशी ली तो वहां से 47 लाख रुपये की अतिरिक्त नकदी भी मिली। फिलहाल चकमा जेल में बंद हैं और सरकार के आदेश के अनुसार निलंबन की अवधि में उन्हें भुवनेश्वर मुख्यालय में रहना होगा।

मामले की पूरी कहानी

विजिलेंस विभाग की जांच के अनुसार, धीमान चकमा ने एक खनन व्यवसायी से कुल 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब वे पहली किस्त के रूप में 10 लाख रुपये ले रहे थे, तभी विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की अभी भी जांच चल रही है।

दूसरों के लिए प्रेरणा बने फिर चुना गलत रास्ता

धीमान चकमा की कहानी पहले बहुत प्रेरणादायक थी। वे त्रिपुरा के कंचनपुर शहर के एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता स्कूल में शिक्षक थे और मां गृहिणी थीं। बिना किसी कोचिंग या बड़े संपर्क के उन्होंने NIT अगरतला से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर UPSC की परीक्षा पास करके IAS बने। उनकी सफलता की कहानी पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई थी। लेकिन अब रिश्वतखोरी के इस मामले ने उनकी सारी इज्जत और प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है। यह घटना दिखाती है कि कैसे भ्रष्टाचार किसी भी व्यक्ति के चरित्र और करियर को बर्बाद कर सकता है।