Odisha news reason for the death of the college student who committed suicide
Odisha College Student Died : ओडिशा के बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा की दुखद मौत ने पूरे ओडिशा और देश भर में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है. एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत को नजरअंदाज किए जाने के बाद, परिसर में खुद को आग लगाने वाली इस छात्रा की 14 जुलाई को एम्स भुवनेश्वर में मौत हो गई.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कॉलेज प्रशासन,मंत्रियों और पुलिस से गुहार लगाते हुए उसने खुद को आग लगा मौत को गले लगा लिया. जिसको लेकर काफी विरोध प्रदर्शन, गिरफ्तारियां और राजनीति भी हुई . मामले को लेकर ओडिशा सरकार ने जहां आरोपियों को कड़ी सजा देने की बात कही, वहीं विपक्षी दलों ने इस पर मामले को छुपाने का आरोप लगाते हुए शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है.
वहीं इस मामले में पुलिस ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष और शिक्षा विभाग की प्रमुख समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया है. कॉलेज के इंटरनल कंप्लेन कमिटी द्वारा प्रोफेसर को क्लीन चिट दिए जाने के बाद प्रिंसिपल ने कथित तौर पर उसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा था. मामले में छात्रा के पिता और स्थानीय सांसद प्रताप सारंगी ने घोष पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं है यह व्यवस्था द्वारा एक संगठित हत्या है. मोदी जी… भारत की बेटियों को सुरक्षा और न्याय चाहिए.उन्होंने कहा कि पीड़िता ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, लेकिन उसे धमकाया गया,परेशान किया गया और बार-बार अपमानित किया गया.
इस मामले की गंभीरता को लेकर राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने ओडिशा सरकार से छात्र के आत्महत्या के प्रयास के कारणों का विस्तृत विवरण देने वाली पूरी रिपोर्ट मांगी है.X पर एक पोस्ट में राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने बताया कि उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी से बात की है,जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. राज्यपाल ने लिखा एम्स भुवनेश्वर के अधिकारियों से हुए अपनी को लेकर कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्परता,सहानुभूति और जिम्मेदारी से काम करने का आग्रह किया है.
कांग्रेस और BJD नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता याशिर नवाज ने कहा कि सरकार पुलिस की मदद से रात में चुपचाप शव ले जाना चाहती थी. BJD की एलिना दाश ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति मुर्मू के दौरे के समय मौत की आधिकारिक घोषणा में देरी की गई. BJD विधायक स्नेहंगिनी छुरिया ने छात्रा की मौत पर सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र का नारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ओडिशा में दुखद रूप से ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी जलाओ’ में बदल गया है. छुरिया ने कहा कि पीड़िता की किसी ने नहीं सुनी,इसलिए उसने आत्मदाह का रास्ता चुना.उन्होंने इस घटना को राज्य में महिलाओं की बिगड़ती सुरक्षा का उदाहरण बताया.
मामले को लेकर आई जानकारी के अनुसार एम्स में रात 2 बजे छात्रा का पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि सबूतों को दबाने के लिए ऐसा किया गया. पुलिस को एम्बुलेंस रोक रहे प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाना पड़ा. BJD की एलिना दाश ने कहा, उन्होंने यह सारा नाटक इसलिए रचा क्योंकि राष्ट्रपति आने वाले थे.
छात्रा की माँ ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की. उन्होंने कहा कि मुझे शक है कि मेरी बेटी ने खुद को आग लगाई या किसी और ने. परिवार ने इस बात पर भी चिंता जताई कि पीड़िता ABPV की नेता होने के बावजूद उसे सुरक्षा क्यों नहीं दी गई.
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मामले को लेकर राज्य सरकार ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सीसीटीवी और आंतरिक स्क्वाड टीमों के ज़रिए चौबीसों घंटे निगरानी करने का आदेश दिया. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया,जिसके बाद कॉलेज में गिरफ्तारियां और निलंबन हुए.
खुद को आग लगाने से कुछ दिन पहले 20 वर्षीया लड़की ने एक्स पर पोस्ट किया था कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूँगी.उसने जून में यह अकाउंट बनाया था और 1 जुलाई को कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति को अपनी शिकायत अपलोड की थी, साथ ही बैठक की एक तस्वीर,आरोपी शिक्षक की तस्वीर और सरकार व छात्र संघ के नेताओं को टैग किया था.
उसके 46 वर्षीय पिता ने कहा कि उसने धमकी दी थी कि वह छह साल में भी पेपर पास नहीं कर पाएगी.उन्होंने आगे कहा कि शिकायत के बाद,शिक्षिका ने उसे निशाना बनाने के लिए छात्रों का एक समूह बनाया. कथित तौर पर प्रिंसिपल ने उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी और उसकी मिन्नतों को अनसुना कर दिया.
कांग्रेस ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और पीड़िता की मौत परिसरों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर व्यापक चिंताओं का केंद्र बन गई है.एलिना दाश ने ज़िलाव्यापी प्रदर्शनों की चेतावनी देते हुए कहा कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक उच्च शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते.
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