Ahmedabad : गुजरात के अहमदाबाद में हुई भीषण विमान दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर भ्रम की स्थिति बना हुई थी। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो में दिख रहा डिवाइस वास्तविक ब्लैक बॉक्स नहीं है। असली डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) को मेघानीनगर स्थित एक मेडिकल हॉस्टल की छत से बरामद किया गया है, न कि विमान के मलबे से। यह दुर्घटना भारतीय विमानन इतिहास की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक है। सभी की नजर अब इस ब्लैक बॉक्स पर ही है।
AAIB के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कुछ गलत रिपोर्टों के विपरीत, सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिखाया गया उपकरण वास्तविक DFDR नहीं है। जांच एजेंसी ने बताया कि असली ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित रूप से बरामद कर लिया गया है और उनकी विशेषज्ञ टीम ने तत्काल प्रभाव से जांच कार्य शुरू कर दिया है। यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं की समस्या को उजागर करती है।
ब्लैक बॉक्स, जो वास्तव में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) का संयोजन है, विमान की उड़ान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण डेटा और पायलटों की बातचीत को रिकॉर्ड करता है। दिलचस्प बात यह है कि इसे ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है, लेकिन यह वास्तव में नारंगी रंग का होता है, जिसे इंटरनेशनल ऑरेंज कहते हैं। यह चमकीला रंग दुर्घटना के मलबे में इसे आसानी से खोजने में मदद करता है।
जांच अधिकारी अब इस महत्वपूर्ण उपकरण का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। इससे विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति और पायलट के नियंत्रण संकेतों जैसी अहम जानकारियां मिलेंगी। ये डेटा दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक बॉक्स के डेटा से यह स्पष्ट हो सकेगा कि दुर्घटना के समय विमान की तकनीकी स्थिति क्या थी और पायलट ने किस तरह की कार्रवाई की थी।
इस त्रासदी के बाद एयर इंडिया और टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने पूर्ण पारदर्शिता का आश्वासन दिया है। उन्होंने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि कंपनी इस दुर्घटना से जुड़ी प्रत्येक जानकारी को सार्वजनिक करेगी और सभी जांच एजेंसियों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करेगी। चंद्रशेखरन ने कहा कि वे पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदना के साथ खड़े हैं और इस कठिन समय में उनका हर संभव सहारा देंगे।