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गाजियाबाद में इलाज के दौरान मौत मामला : किसान नेता और मृतक के परिजनों ने घेरा यशोदा अस्पताल, इंसाफ की मांग

ghaziabad
inkhbar News
  • Last Updated: June 10, 2025 17:45:53 IST

Ghaziabad News : गाजियाबाद में इलाज के दौरान मौत मामले के तूल पकड़ लिया है। पीड़ित परिवार लगातार अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। एक बार फिर सोमवार को कौशांबी स्थित यशोदा सुपर हॉस्पिटल का घेराव किया गया। मुजफ्फरनगर से आये किसान नेताओं ने ये घेराव किया है। लोगों का आरोप है की उनके परिवार के लड़के के गलत इलाज से उसकी मौत हो गई। परिजनों ने 2 जून को भी अस्पताल का घेराव किया था। परिजन आज सीएमओ को मौके पर बुलाने के लिए कहने लगे जिसके बाद घेराव के दौरान मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी लोगों के पास बैठे रहे और बातचीत भी की। लॉ एंड ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए भारी पुलिस फोर्स के साथ एसीपी भी मौके पर मौजूद रहे।

मुजफ्फरनगर से आया परिवार

जानकारी के मुताबिक, थाना कौशांबी स्थित यशोदा सुपर अस्पताल का मुजफ्फरनगर से आए लोगों ने घेराव किया। दरअसल, मुजफ्फरनगर के रहने वाले 35 साल के उज्जवल को 26 मई को हर्निया के ऑपरेशन के लिए एडमिट किया गया था। ऑपरेशन के बाद 2 जून की सुबह 1:31 पर उज्जवल की मौत हो गई थी। उसी दिन 2 जून को स्थानीय लोगों ने अस्पताल का घेराव किया था। पुलिस ने उज्ज्वल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने के चलते बिसरा प्रिजर्व किया गया था। उज्जवल मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत समेत भारतीय किसान यूनियन के अन्य लोग और परिजनों ने सोमवार को फिर अस्पताल का घेराव किया। उनकी मांग थी कि उनको इंसाफ मिले।

डॉक्टर का लाइसेंस कैंसिल हो- परिवार की मांग 

सोमवार को अस्पताल के अंदर 600 लोगों की भीड़ जमा थी जिसमें महिलाओं की संख्या भी बहुत ज्यादा थी और सभी के हाथ में एक बैनर और पंपलेट था जिस पर लिखा था जस्टिस फॉर उज्जवल। वहां मौजूद लोगों की मांग है कि डॉक्टर को सजा दी जाए। इस दौरान मौके पर गाजियाबाद के सीएमओ अखिलेश मोहन भी पहुंचे और घेराव करने वाले लोगों से मिले। साथ ही हालात न बिगड़े इसके लिए एसीपी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहा। इसके बाद सभी की सहमति से एक कोर कमेटी बनाई जाएगी और मजिस्ट्रेट जांच के आधार पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर समय से पीड़ित के हित में काम नहीं हुआ तो वो आगे भी धरने पर बैठेंगे।