Changur Baba Case : धर्मपरिवर्तन के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (Changur Baba) के खिलाफ एक और मामला सामने आया है। पता चला है कि डेढ़ साल पहले इस गिरोह ने नोएडा की एक हिंदू युवती का भी लखनऊ में जबरन धर्मपरिवर्तन कराया था। पीड़िता ने दिसंबर 2024 में मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में छांगुर बाबा का नाम लिया था, लेकिन उस समय साक्ष्य के अभाव में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई थी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हाल ही में एटीएस द्वारा छांगुर बाबा और नीतू की गिरफ्तारी के बाद अब यह युवती भी एटीएस से संपर्क साधने आगे आई है। दोनों आरोपियों पर हिंदू परिवारों का धर्मपरिवर्तन कराने और इसके लिए विदेश से फंडिंग लेने के आरोप हैं। वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
मूलरूप से शाहजहांपुर जिले की रहने वाली यह युवती नोएडा के सेक्टर-113 थाना क्षेत्र में रहती है और एक कंपनी में नौकरी करती है। करीब पांच साल पहले उसकी मुलाकात अमरोहा जिले के नौगांव सादात के रहने वाले ताबिश असगर से हुई थी। ताबिश ने अपना नाम विशाल राणा और धर्म हिंदू बताया था। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी और वे एक-दूसरे से प्यार करने लगे। 22 फरवरी 2023 को दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। शादी के बाद जब ताबिश उसे हाईकोर्ट लेकर गया तो दस्तावेजों से युवती को पता चला कि उसके पति का असली नाम ताबिश है। कुछ दिन झूठ बोलने के बाद ताबिश ने सच्चाई बताई कि वह मुस्लिम है और उसने धोखे से शादी की है। इसके बाद आरोपी ने युवती पर धर्म बदलकर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया।
जब युवती गर्भवती हुई और उसने मुस्लिम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया तो ताबिश ने धोखे से दवाई खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया। साथ ही उसे जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता की शिकायत पर 3 दिसंबर को सेक्टर-113 थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और जांच के बाद आरोपी ताबिश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पीड़िता ने 23 दिसंबर 2024 को मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। उसमें उसने बताया था कि जनवरी 2024 में ताबिش उसे लखनऊ स्थित इमामबाड़ा ले गया और वहां छांगुर पीर साहब के दरगाह ले गया। पीड़िता का आरोप है कि वहां जबरन उसका धर्मपरिवर्तन कर दिया गया और उसे कलमा पढ़वाया गया। इस दौरान उसे पैसे देने का लालच भी दिया गया था। यह मामला भी छांगुर बाबा और उसके गिरोह की गतिविधियों एक और सबूत है। एटीएस की जांच से पता चलेगा कि यह धर्मपरिवर्तन का नेटवर्क कितना फैला हुआ है और इसमें कितने लोग शामिल हैं।
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