Chhangur Baba Case: अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वाले आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एक नए खुलासे में सामने आया है कि छांगुर बाबा भले ही असाक्षर हो लेकिन उसने अवैध धर्मांतरण के काम को बढ़ाने के लिए कई दांव चले थे। लोगों को मोटा मुनाफा देने का लालच देकर जोड़ता था और उनसे प्रॉपर्टी का काम कराता था। इस काम से हुए मुनाफे की रकम को धर्मांतरण में खर्च करता था। इतना सब होने के बावजूद छांगुर बाबा के नाम पर कोई जमीन नहीं है। बलरामपुर के उतरौला में उसने जितनी भी जमीन खरीदी उसका बैनामा नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर कराया। खुलासा होने के बाद राजस्व विभाग ने नीतू उर्फ नसरीन के नाम सभी जमीनों का ब्यौरा इकट्ठा किया है। इनमें दो दुकानें भी हैं जिन पर कार्रवाई हो सकती है।
छांगुर ने नीतू के नाम पर मधपुर के अलावा रफीनगर में सह खाते की जमीन खरीदकर दुकान बनवा ली। इस जमीन पर बनी दुकान में कपड़ा बिक्री का काम होता था, लेकिन जब से छांगुर जेल गया है तब से दुकान भी बंद है। इसी तरह लालगंज में भी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर जमीन खरीदकर दुकान बनवाई है। यहां भी दुकान में कपड़ा बिक्री होता था। जैसे ही छांगुर जेल गया तो यहां भी दुकान का शटर डाउन हो गया। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र के पुणे में भी नीतू के नाम से जमीन का एग्रीमेंट हुआ है। डीएम पवन अग्रवाल का कहना है कि अवैध पाई जाने वाली संपत्तियों पर कार्रवाई होगी।
बड़ी बात यह है कि छांगुर बाबा (Chhangur Baba Case) का स्विस बैंक में भी अकाउंट है, जिसमें विदेशी फंडिंग की बात कही जा रही थी। विदेशों से मिले करोड़ों रुपए से वह उत्तर प्रदेश के भारत-नेपाल बॉर्डर एरिया में धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहा था। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक छांगुर के विदेशी फंडिंग के नेटवर्क को चलाने वाला उसका एक सहयोगी स्विट्जरलैंड समेत कई अन्य देशों की यात्रा भी कर चुका है।
बताया जा रहा है कि बीते तीन वर्षों में छांगुर पांच सौ करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग का मालिक बन चुका था। इसमें से जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक दो सौ करोड़ रुपए फंडिंग की पुष्टि की है। बताया तो यह भी जाता है कि नेपाल में भी इसका नेटवर्क फैला हुआ था। जहां के सहयोगियों के खातों में तीन सौ करोड़ रुपए का लेनदेन भी हुआ था। इसमें काठमांडू समेत कई जिलों के लोगों के खाते खुलवाए गए थे। जिनमें पाकिस्तान, दुबई, तुर्किए समेत अन्य मुस्लिम देशों से फंडिंग हो रही थी। बताया तो यह भी जाता है कि जिनके खाते में रुपए आते थे, वो सभी स्लीपर सेल के रूप में काम करते थे।
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वहीं, छांगुर लव जिहाद को लेकर तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा था। इसके साथियों और करीबी सहयोगियों खासतौर से युवाओं के मोबाइल कॉलर ट्यून में धार्मिक संगीत लगा है। मधपुर गांव के एक युवा के मुताबिक वह सभी को धार्मिक कॉलर ट्यून लगाने की सलाह देता था। युवक का कहना है कि दुआ ताबीज लेने के लिए पूरा दिन छांगुर (Chhangur Baba Case) से मिलने वालों का तांता लगा रहता था। दोपहर के बाद वह तख्त पर बैठता था। इस दौरान अन्य धर्मों के साथ आसपास की मुस्लिम महिलाएं भी आती थीं।
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