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स्वदेशी तकनीक पर ज्यादा भरोसा…CDS अनिल चौहान का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान, जानें क्या कहा 

Defence technology
inkhbar News
  • Last Updated: July 16, 2025 15:58:47 IST

Defence technology : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ड्रोन की ताकत को युद्ध के मैदान में गेम-चेंजर बताते हुए स्वदेशी तकनीक पर जोर दिया। मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे ड्रोन युद्ध की दिशा बदल सकते हैं। जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणालियां (UAs) और काउंटर-यूएएस (C-UAS) भारत की रक्षा जरूरतों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।

पाकिस्तान के ड्रोन हमले नाकाम

जनरल चौहान ने खुलासा किया कि 10 मई को पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बिना हथियार वाले ड्रोन और लाइटर मुनिशन का इस्तेमाल किया। हालांकि भारतीय सेना ने काइनेटिक और गैर-काइनेटिक तरीकों से इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। इन ड्रोनों से न तो भारतीय सेना को और न ही नागरिक ढांचे को कोई नुकसान पहुंचा। यह भारतीय रक्षा तैयारियों की मजबूती का स्पष्ट प्रमाण है।

विदेशी तकनीक पर निर्भरता खतरनाक

CDS ने चेतावनी दी कि महत्वपूर्ण मिशनों के लिए विदेशी तकनीक पर निर्भरता भारत की ताकत को कमजोर कर सकती है। उन्होंने कहा कि आज की जंग को कल की तकनीक से नहीं जीता जा सकता। ड्रोन और नई तकनीक अब युद्ध के मैदान में सबसे महत्वपूर्ण हथियार बन चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी ताकि युद्ध के मैदान में कोई कमी न रहे।

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कल की तकनीक से आज की जंग

जनरल चौहान ने कहा कि ड्रोन जैसी तकनीक दुश्मन की रणनीति को चकमा देने में सक्षम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य के युद्धों में जीत के लिए भारत को आज ही कल की तकनीक को अपनाना होगा। स्वदेशी ड्रोन और रक्षा प्रणालियों के विकास पर ध्यान देना भारत की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा बन चुका है।
यह बयान न केवल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करता है,बल्कि स्वदेशी तकनीक के महत्व को भी सामने लाता है।